पता चल सकेगा अचानक होने वाला हदय घात
organising chairman Dr Jitendra Singh Makkar cardiologist
भांपा जा सकेगा अचानक होने वाले हदय घात को
जयपुर। जयपुर हार्ट सम्मिट । सडन कार्डियक अरेस्ट यानि अचानक होने वाला हदयघात से कई मौतें होती हैं। इसके पीछे एट्रीयल फिब्रिलेशन एक मुख्य कारण है, जयपुर हार्ट रिदम समिट के दौरान विशेषज्ञों ने कहा कि
अब नई तकनीक के जरिए सडन कार्डियक अरेस्ट के खतरे को पहले से भांपा जा सकता है। यह संभव हुआ रिमोट मॉनिटरिंग डिवाइस के जरिए।
इटर्नल हॉस्पिटल की ओर से दो दिवसीय कांफ्रेंस गत दिनों जयपुर में संपन्न हुई।
कॉफ्रेंस के ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन डॉ. जितेंद्र सिंह मक्कड़ ने बताया कि दो दिनों में 50 से अधिक वैज्ञानिक सेशन हुए, जिसमें विषय विशेषज्ञों ने अपनी रिसर्च और इलाज में आई नई तकनीकों के बारे बताया। वहीं ईसीजी क्विज में विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया। ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. कुश कुमार भगत ने बताया कि अंतिम दिन पेसिंग सिंपोजियम हुआ, जिसमें पेसमेकर लगाने की नई तकनीकों की जानकारी दी गई। इसके अलावा रेडियो फ्रीक्वेंसी अब्लेशन, हार्ट फेलियर में इको जांच की महत्ता. अरिद्मिया में कार्डियक एम आर आई जैसे विषयों पर सेशन हुए। हैदराबाद की डॉ. दलजीत कौर ने बताया कि जिन मरीजों के पेसमेकर इंप्लांट किया गया है, उन्हें अब रिमोट मॉनिटरिंग डिवाइस भी दी जाती है, जो उनके हार्ट से जुड़ा सारा डाटा आपके डॉक्टर तक पहुंचाती है। सडन कार्डियक अरेस्ट के आने से पहले ही अलार्मिंग साइन पहचान कर यह डिवाइस पहले ही सतर्क कर सकती है, जिससे मरीज की जान को बचाया जा सकता है।
मो 9928544344 dr jitendra singh makkar