विशेष
चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांस
orthorheumatologyहैल्थ

रूमेटाइड आर्थराइटिस – घुटने और एड़ियां होती हैं : डॉ नरेंद्र अटोलिया

उचित निदान से लेवें उपचार

रूमेटाइड आर्थराइटिस

घुटने और एड़ियां होती हैं प्रभावित

अतुल्य हॉस्पिटल के प्रसिद्ध अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेन्द्र अटोलिया कहते है कि जब आपका अपना ही इम्यून सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा हो तो रूमेटाइड आर्थराइटिस होना अत्यंत स्वभाविक है। उन्होंने कहा इसके अंतर्गत जोड़ों के अस्तर (साइनोवियम) पर हमला हो जाता है। इस बीमारी के तहत दाएं और बाएं, दोनों हिस्सों के अंग एक साथ प्रभावित होते हैं। जैसे दोनों हाथ, दोनों घुटने या दोनों एड़ियां ।
डॉक्टर अटोलिया ने यह भी कहा कि रूमेटाइड आर्थराइटिस सिर्फ इन्हीं अंगों से जुड़ी बीमारी नहीं है, कई बार इससे शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित होते हैं।
देखा गया है कुछ मामलों में आंखें, दिल, सर्कुलेटरी सिस्टम और फेफड़े भी रूमेटाइड आर्थराइटिस से प्रभावित हो सकते हैं।
रूमेटाइड आर्थराइटिस ऑटोइम्यून डिजीज है। यानी यह बीमारी तब होती है, जब हमारा इम्यून सिस्टम हमारे शरीर के उत्तकों को ही बाहरी समझकर उन पर हमला कर देता है। हमारा इम्यून सिस्टम उन सेल्स से लड़ने के लिए इनफ्लेमेटरी कैमिकल भेजता है । इम्यून सिस्टम साइनोवियम पर हमला करके उसके आसपास फ्लूइड बनाने लगता है, साइनोवियम में सूजन आ जाती है और उसके आसपास के क्षेत्र में दर्द होने लगता है और क्षेत्र मुलायम होने के साथ ही त्वचा का लाल होना और सूजन दिखने लगती है।

उन्होंने कहा जोड़ों में दर्द, अंगों का नरम पड़ना, सूजन और अकड़न जो 6 हफ्ते या इससे ज्यादा समय तक रहे। सुबह-सुबह की अकड़न और जकड़न जो आधे घंटे या इससे ज्यादा देर तक रहे। एक से अधिक जोड़ों में लक्षण महसूस होना रूमेटाइड आर्थराइटिस की ओर संकेत करता है।

तो फिर इलाज क्या है ?
धूप का सेवन अवश्य करें । शरीर की हल्की मालिश कर रक्त संचार दुरस्त करें। वार्म अप करें। सुबह की सैर और एक्सरसाइज को नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। आहार में पौष्टिक भोजन का सेवन करें। गरिष्ठ भोजन न करें। जुकाम न बनने दें।
चिकित्सकीय परामर्श से रोग का इलाज करावें। इसके अंतर्गत अर्थराइटिस के लक्षणों से राहत दिलाई जाती है। जोड़ों और अंगों को होने वाले नुकसान से बचाया जाता है। यह इलाज का अहम हिस्सा होता है। हम इलाज में जोड़ों की कार्यशीलता को बढ़ाने के प्रयास करते हैं ताकि रोगी के जीवन में सरल दिनचर्या चलती रहे।संपर्क सूत्र डॉ नरेंद्र आटोलिया 94140 35167

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Related Articles

Back to top button