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चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
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एसएमएस हॉस्पिटल में जोखिम भरे और चुनौती पूर्ण ऑपरेशन कर बचाया जाता है मरीज की जीवन को : डॉ सुनील दीक्षित 

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एसएमएस हॉस्पिटल में जोखिम भरे और चुनौती पूर्ण ऑपरेशन कर बचाया जाता है मरीज की जीवन को : डॉ सुनील दीक्षित

एसएमएस हॉस्पिटल के सी टी सर्जरी विभाग के आचार्य डॉ सुनील दीक्षित कहते हैं कि आज भी एसएमएस हॉस्पिटल में अनेक जटिल सर्जरी की जाती है। एसएमएस हॉस्पिटल में वह केस भी किए जाते हैं जिनकी सर्जरी जटिल चुनौती पूर्ण मानी जाती है और बाहर के चिकित्सकों द्वारा हाथ खड़े कर दिए जाते हैं।

हाल ही उनके पास एक ऐसा ही कैसे आया जिसमें एक व्यक्ति के जिसकी 40 वर्ष की उम्र थी उसकी लेफ्ट साइड की छाती में कैविटी में बहुत बड़ा ट्यूमर था जो अपेक्स से लेकर डायाफ्राम तक और चेस्ट वाल्व से लेकर हार्ट की झिल्ली तक फैला हुआ था। इस ट्यूमर ने मरीज के बाई तरफ के फेफड़े को पूरी तरह से दबा रखा था जो वर्किंग में नहीं था। इस केस को हमने सफल सर्जरी की। इस प्रकार मेडिकल साइंस की तरक्की और ईश्वर की अनुकम्पा से उसका जीवन बच पाया। यह ऑपरेशन बहुत जोखिमपूर्ण होता है इस ऑपरेशन के लिए एसएमएस से बाहर के डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए थे।

एसएमएस में आजकल मिनिमल इनवेसिव कार्डियक सर्जरी सफलतापूर्वक की जा रही है इस तकनीक के अंतर्गत बिना हड्डी काटे ऑपरेशन किए जाते हैं। पसलियों के मध्य से प्रक्रिया संपन्न कर ऑपरेशन किए जाते हैं। इस प्रक्रिया से ऑपरेशन करने में मरीज के खून का स्त्राव कम होता है। हड्डी को कोई क्षति नहीं पहुंचती। संक्रमण कम होता है। दर्द भी कम होता है। और मरीज को रिकवरी भी जल्दी होती है।

कार्डियोथोरेसिक सर्जरी के डॉक्टर, जिन्हें कार्डियोथोरेसिक सर्जन कहा जाता है, उन रोगियों का इलाज करते हैं जिनकी बीमारियाँ या समस्याएँ हृदय (कार्डियो), फेफड़े (पल्मोनरी), इसोफैगस (भोजन नली), और शरीर के अन्य अंगों से संबंधित होती हैं जो छाती (थोरेसिक) में स्थित हैं।

इस विभाग के अंतर्गत निम्न रोगों का इलाज होता है।

हृदय रोग : कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग (CABG), वाल्व रिप्लेसमेंट या रिपेयर, हृदय के ट्यूमर, और जन्मजात हृदय दोष।

फेफड़ों की समस्याएँ : फेफड़ों का कैंसर, फेफड़ों में गांठ, और फेफड़ों के संक्रमण।

थोरेसिक आर्टरी और वेंस : एओर्टिक एन्यूरिज्म, डिसेक्शन और पेरीफेरल वस्कुलर रोग।

इसोफैगस रोग : इसोफैगल कैंसर, एसोफेगल स्ट्रिक्चर, और एसोफेगल मोटिलिटी डिसऑर्डर।

मेडियास्टिनल समस्याएँ : मेडियास्टिनल ट्यूमर और सिस्ट। कार्डियोथोरेसिक सर्जन गंभीर और जटिल सर्जरी करते हैं और अत्याधुनिक तकनीकों और उपकरणों का उपयोग करते हैं ताकि रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिल सके।

संपर्क सूत्र डॉ सुनील दीक्षित मो 8890707794

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