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चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
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कोरोनरी सीटी तकनीक : प्लाक इमेजिंग जांच बता देगी हार्ट की आर्टरी या वाल्व में कितना प्लाक

मेडिकल साइंस कहती है कि हार्ट की आर्टरी या वॉल्व में प्लाक जमने के कारण हमें हार्ट अटैक आता है। इंडियन एसोसिएशन ऑफ कार्डियक इमेजिंग, नेशनल आईआरआईए और आईसीआरआई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित मिड टर्म सीएमई’ कॉन्फ्रेंस में विशेषज्ञों ने कहा कि अब ऐसी तकनीक इजाद हो गई है जिसकी मदद से हम हाई रिस्क हार्ट डिजीज का पहले ही पता लगा सकते हैं।
कोरोनरी सीटी तकनीक में प्लाक इमेजिंग जांच से यह पहले ही पता चल सकेगा कि हमारी आर्टरी या वॉल्व में कितना प्लाक जम गया है। वह हाई रिस्क है या नहीं।
कॉन्फ्रेंस की ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी और महाजन इमेजिंग जयपुर की हेड ऑफ द डिपार्टमेंट डॉ. सुमन सिंघल ने बताया कि 200 से अधिक एक्सपर्ट्स ने इस कांफ्रेंस में भाग लिया।
पद्मश्री डॉ. हर्ष महाजन ने कार्डियक इमेजिंग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय पर जानकारी दी। और दो इंटरनेशनल स्पीकर्स डॉ. मिनी पक्कल और डॉ. सर्व प्रिय ने ऑनलाइन सेशन लिया।

फैटी प्लाक सबसे ज्यादा खतरनाक होते हैं। कोरोनरी सीटी की जांच में प्लाक इमेजिंग द्वारा अब हाई रिस्क प्लाक की जानकारी जुटाकर मरीज को होने वाले सम्भावित हार्ट अटैक का पूर्व में ही पता लगाया जा सकता है।

डॉ. सुमन सिंघल ने यह भी बताया कि हार्ट की मसल में ब्लॉकेज के कारण जो रक्तप्रवाह रुकता है, पता करने में यह जांच अत्यंत कारगर है। हालांकि इसका इस्तेमाल अभी भारत में नहीं किया जा रहा है उम्मीद है शीघ्र ही यह सुविधा भारत में उपलब्ध होगी। इस कांफ्रेंस में यह भी जानकारी दी गई कि अब नई तकनीक से 1 मिनट में हार्ट में कितना ब्लॉकेज है पता लगाया जा सकता है।

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