यश साहू हत्याकांड साहू समाज ने घेरा कलेक्टोरेट
बिलासपुर। छात्र यश साहू हत्याकांड की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर साहू समाज ने सोमवार को कलेक्टोरेट का घेराव कर दिया। बड़ी संख्या में कलेक्टोरेट पहुंचे समाज के लोगों ने स्थानीय पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की व जांच में लापरवाही बरतने का आरोप भी लगाया। स्थानीय पुलिस की जांच से अंसतुष्ट समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौंपकर मामले की निष्पक्ष जांच कराने के लिए सीबीआइ से जांच की मांग की है।
जांच के नाम पर लीपापोती का आरोप लगाते हुए समाज के लोगों व पदाधिकारियों ने स्थानीय पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इनका आरोप है कि जांच के नाम पर पुलिस ने लीपापोती कर दी है और वास्तविक आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। समाज के लोगों ने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की बात भी कही है। मृतक स्वजनोंको तात्काल सहायता राशि प्रदान करने के साथ ही परिवार के एक सदस्य को शासकीय सेवा में नौकरी देने की भी मांग की है। बीते सप्ताह सिरगिट्टी थाना क्षेत्र के पेट्रोल पंप के पास अंबिकापुर के छात्र यश साहू की लाश मिली थी जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच कर नौ मई को त्रिकोणीय प्रेम संबंध में पहले प्रेमी द्वारा दूसरे प्रेमी की हत्या करने का पर्दाफाश किया था। पुलिस की जांच रिपोर्ट और की गई कार्रवाई पर साहू समाज को भरोसा नहीं है। समाज के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर अपनी बातें कही है।
सीबीआइ से कराएं जांच,दोषियों को बचा रही पुलिस
. संबंधित पुलिस थाना द्वारा की जा रही जांच से परिवार व समाज के सदस्य व जनप्रतिनिधि असंतुष्ट है।, इस जांच पर उन्हेंआशंका है कि पुलिस के द्वारा हत्या के अपराध में संलिप्त लड़की व उनके स्वजन को बचा रही है ।
. जिस जगह पर मारपीट की गई, बंद दाबा के मालिक के ऊपर कार्यवाही की जानी चाहिए।
इस बात की भी आशंका है कि ढाबा के चौकीदार द्वारा ताला खोलकर आरोपित का मदद किया गया है ।
. जब्त कार लड़की के परिवार का है। कार जब्त किया गया लेकिन कार मालिक के ऊपर कार्यवाही नहीं की गई है।
अखबारों में प्रकाशित खबर के अनुसार जिस ऑटो में बैठाने का जिक्र पुलिस प्रशासन कर रही है उस ऑटो का कोई पतासाजी नहीं किया गया।
. मृतक का मोबाइल उनके मित्र को देने वालों के ऊपर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई ्र।
स्थानीय लोगों के अनुसार हत्या में लड़की के भाई एवं अन्य स्वजन का हाथ होना बताया जा रहा है।
. प्रत्यक्ष दर्शियों के बयान को अनदेखा किया जा रहा है।
.आरोपितों के मोबाइल लोकेशन की जांच की जानी चाहिए।