भोले बाबा दे दे नोट छापण की मशीन MP के मंदसौर में पशुपतिनाथ मंदिर में बनाई रील बाद में मांगी माफी
मंदसौर। विश्व में प्रसिद्ध अष्टमुखी भगवान श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर के गर्भगृह में फोटो खींचने पर प्रतिबंध हैं। इसके बाद भी एक युवक तरुण नामदेव ने मंदिर के गर्भगृह में जाकर ‘भोले बाबा देदे नोट छापण की मशीन’ गीत पर रील बना ली। और अपने इंटरनेट मीडिया के विभिन्न एकाउंट पर उसे जारी भी भी कर दिया। हालांकि रील अपलोड होने के बाद भक्तों में उसकी प्रतिक्रियाएं भी हुई और लोगों ने इस पर कार्रवाई की मांग की। आक्रोश बढ़ता देख मंदिर समिति की तंद्रा भी टूटी और नाम के लिए एक नोटिस जारी किया। इधर कुछ समाजसेवी इस मामले में युवक पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। चौतरफा घिरने के बाद युवक ने इंटरनेट मीडिया पर ही वीडियो जारी कर माफी मांग ली और मंदिर प्रबंध समिति को भी माफीनामा दे दिया।
मंदसौर के विश्व प्रसिद्ध भगवान पशुपतिनाथ महादेव मंदिर के गर्भ गृह में फोटो, वीडियो बनाना प्रतिबंधित है। इसके बाद भी कई लोग इस नियम को तोड़ते हैं और वहां खड़े निजी सुरक्षाकर्मी इन्हे देखते ही रहते हैं। इस मामले में भी यहीं हुआ। नियमों को दरकिनार कर मंदसौर के युवक तरुण नामदेव ने मंदिर के गर्भ गृह में पहुंचकर भजन की थीम वाले गीत पर नृत्य करते हुए मंदिर के गर्भ गृह से लेकर नंदी हाल तक वीडियो शूट कराया। इसके बाद यह वीडियो फेसबुक, इंस्टाग्राम सहित अन्य इंटरनेट मीडिया पर अपलोड कर दिया।
भक्तों की भावनाएं आहत हुई तो कई लोगों ने कमेंट कर हरकत को गलत बताया। वीडियो बनाने के बाद मंदिर प्रबंध समिति के जिम्मेदारों पर भी अंगुलिया उठी। तो खुद को पाक साफ बताने के चक्कर में मंदिर समिति प्रबंधन ने डांसर युवक को नोटिस थमाकर जवाब मांगा। युवक ने मंदिर समिति से लिखित में माफी मांगते हुए इंटरनेट मीडिया पर अपलोड वीडियो को हटाने का दावा किया। इसके अलावा एक अन्य वीडियो के जरिए माफीनामा भी दिया। डांसर युवक तरुण नामदेव मंदसौर का रहने वाला है। वह इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर वीडियो बनाकर अपलोड करता है।
मंदिर की पवित्रता और सुरक्षा को खंडित करने वाले पर एफआइआर दर्ज हो
इधर कांग्रेस सद्भावना प्रकोष्ठ के ब्लाक अध्यक्ष शैलेंद्रगिरि गोस्वामी ने बताया कि तरूण नामदेव द्वारा रील बनाने के लिए बिना अनुमति के ही किए गए नृत्य ने मंदिर की सुरक्षा की पुनः पोल खोल दी। युवक को न तो किसी गार्ड ने रोका न ही अभी तक कोई कार्यवाही की गई है। मंदिर प्रबंध समिति को उसके विरूद्ध एफआइआर दर्ज कराना थी ताकि अगली बार कोई इस तरह की हिम्मत नहीं करता।
इंटरनेट मीडिया पर वीडियो डालने के उद्देश्य से युवक ने मंदिर गर्भगृह एवं नंदी हाल में नृत्य किया। इसे वहां मौजूद सिक्यूरिटी गार्ड देखते रहे। कहने को मंदिर गर्भगृह में फोटो खींचना प्रतिबंधित है लेकिन युवक ने पूरी रील बना दी पर कोई रोका-टोकी नहीं हुई। इससे मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा रहा है।
जनप्रतिनिधि भी इसको लेकर गंभीर दिखाई नहीं देते। उज्जैन महाकाल मंदिर में भी इस तरह का कृत्य करने पर महिला के विरूद्ध एफआइआर दर्ज की गई थी तथा उसके बाद वहां कठोर नियम बनाकर मोबाइल को पूर्णत प्रतिबंधित कर दिया। ऐसी ही कार्यवाही मंदसौर में भी होना चाहिए।
कुछ माह पूर्व मंदिर गर्भगृह में रेलिंग के अंदर एक भक्त द्वारा पूजा-अर्चना करने पर मंदिर के पुजारी को मंदिर से हटा दिया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह के हस्तक्षेप के कारण पुनः पुजारी को रखा गया। लेकिन इस बार इस युवक पर मंदिर प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि क्यों मेहरबानी कर रहे है? इससे स्पष्ट है कि पूर्व में मंदिर पुजारी पर कार्रवाई व्यक्तिगत द्वेषता को लेकर की गई थी।
लेकिन इस बार किसी व्यक्ति विशेष से यह युवक जुड़ा हुआ है इसलिये इस पर कार्यवाही नहीं की गई। समिति अध्यक्ष कलेक्टर दिलीप कुमार यादव से मांग की है कि मंदिर की पवित्रता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए युवक तरूण नामदेव पर एफआइआर दर्ज कराई जाए जिससे आगे कोई इस तरह का कृत्य न करे। कार्रवाई नहीं होने पर ज्ञापन, धरना भी दिया जाएगा।