जयपुर में कैंसर मरीजों को मिलेगा विश्व स्तरीय निःशुल्क इलाज
स्टेट कैंसर संस्थान •
जयपुर में कैंसर मरीजों को मिलेगा विश्व स्तरीय निःशुल्क इलाज
स्टेट कैंसर संस्थान में लीनियर एक्सीलरेटर और सीटी सिम्युलेटर आधुनिक मशीन स्थापित
हैल्थ व्यू, जयपुर।
प्रताप नगर स्थित स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में कैंसर जैसे ट्यूमर को खत्म करने के लिए रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में लीनियर एक्सेलरेटर और सीटी सिम्युलेटर की स्थापना हो गई है।
इस आधुनिक मशीन का फीता काटकर चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जयपुर में कैंसर का विश्वस्तरीय इलाज उपलब्ध होने से राज्य की जनता को बाहर का रुख नहीं करना पड़ेगा।
मशीन के स्थापना समारोह में प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़, मेडिकल शिक्षा सचिव अंबीश कुमार, आयुक्त मेडिकल शिक्षा इकबाल खान, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी और स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के अधीक्षक डॉ. संदीप जसूजा, रेडिएशन ऑकोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. शांतनु शर्मा, सीनियर प्रोफेसर डॉ. रामेश्वरम शर्मा और डॉ. रविंद सिंह गोठवाल उपस्थित रहे।
इस अवसर पर चिकित्सा मंत्री ने बताया कि करीब 54 करोड़ रूपए की लागत से स्थापित इन अत्याधुनिक मशीनों के प्रारंभ होने से ब्रेस्ट, लंग, हैड और नेक कैंसर की जांच एवं उपचार में बड़ी मदद मिलेगी।
इन मशीनों से ट्यूमर का पता लगाने एवं रेडियोथेरेपी में सटीकता आएगी।
रेडियोथैरेपी की लीनियर एक्सेलरेटर मशीनें टू बीम एवं हेलश्योन के साथ सीटी सिम्युलेटर मशीन स्थापित हैं।
ये कहीं अधिक फोकस रेडिएशन एक्सपोजर देती हैं, जिससे उपचार का समय बहुत कम हो गया और इलाज भी आसान हो गया है। यह प्रोजेक्ट करीब 54 करोड़ का है।
ट्यूमर के आसपास के कैंसर सेल्स भी खत्म होंगे :
डॉ संदीप जसूजा के अनुसार स्टीरियो टैक्सी सर्जरी से एक ही बार में ट्यूमर को खत्म किया जा सकेगा। आसपास के कैंसर सेल्स भी खत्म होंगे। रेडिएशन की डोज काफी अधिक दी जाती है, जिससे पूरा प्रोसीजर 2 मिनट में खत्म हो जाता है।
पहले की तरह रेडियोथैरेपी कराने वाले मरीजों में त्वचा पर कालापन आने और साइड इफेक्ट्स नहीं होगा।
रेडिएशन एक्सपोजर के समय आस-पास के अंगों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा।
मरीज के इलाज से पहले मशीन में होगी वर्चुअल प्लानिंग
नई सीटी सिम्युलेटर मशीन से मरीज का स्कैन कर उसके इलाज की प्लानिंग सॉफ्टवेयर में ही वर्चुअली की जा सकेगी। इससे इलाज और ज्यादा सटीक हो जाएगा और इलाज के दौरान होने वाली जटिलता का बेहतर प्रबंधन किया जा सकेगा। मशीन द्वारा वर्चुअल प्लानिंग कर एक ही बार में खत्म हो सकेगा ट्यूमर।