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चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
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ब्रिटेन में युवाओं को तंबाकू की लत न पड़े इसके लिए उठाया जा रहा है कड़ा कदम

ब्रिटेन में युवाओं को तंबाकू की लत न पड़े इसके लिए उठाया जा रहा है कड़ा कदम

धूम्रपान और वेपिंग में कौन सा ज्यादा हानिकारक है हालाँकि वेपिंग धूम्रपान की तुलना में काफी कम हानिकारक है, लेकिन इसके पूरी तरह से हानिरहित होने की संभावना नहीं है। सबसे स्वास्थ्यप्रद विकल्प धूम्रपान या वेप न करना है । इसलिए, यदि आप धूम्रपान छोड़ने के लिए वेपिंग कर रहे हैं, तो आपको वेपिंग की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।

ब्रिटेन में 2009 के बाद जन्मे लोगों के लिए धूम्रपान प्रतिबंध से कानून बनने की कवायद शुरू की गई है।

तंबाकू और वेप्स विधेयक के तहत इस साल 15 साल या उससे कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को कानूनी तौर पर कभी भी सिगरेट नहीं बेची जाएगी।

जिसका उद्देश्य यह है कि युवाओं को पहली बार में ही इसकी आदत अपनाने से रोका जाए।

भारत में सिगरेट के तंबाकू उत्पाद नहीं विक्रेय किए जाने की उम्र 18 वर्ष है और भारत में ही कर्नाटक जैसे राज्य में यह आयु सीमा 21 वर्ष है। भारत तंबाकू जनित बीमारियों के इलाज के लिए काफी पैसा खर्च करता है सूत्रों के अनुसार तंबाकू उत्पादों के विक्रय से जो राजस्व प्राप्त होता है उससे कहीं ज्यादा तंबाकू जनित बीमारियों के इलाज पर सरकार को पैसा खर्च करना पड़ता है।

सिगरेट स्मोकिंग पर हजारों अलग-अलग तरह के रसायन छोड़ते हैं। कई जहरीले होते हैं और 70 प्रतिशत तक कैंसर का कारण बनते हैं। वे फेफड़ों की बीमारी, हृदय रोग और स्ट्रोक सहित अन्य गंभीर बीमारियों का भी कारण बनते हैं।

टार और कार्बन मोनोऑक्साइड सहित तंबाकू के धुएं में अधिकांश हानिकारक रसायन वेप एरोसोल में शामिल नहीं होते हैं।

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