60 के बाद स्वस्थ रहने का क्या है राज – अधिकांश मनुष्य खाली नींद लेते हैं साउंड स्लीप नहीं
अधिकांश मनुष्य खाली नींद लेते हैं साउंड स्लीप नहीं
_साउंड स्लीप की परिभाषा ही नहीं जानते अनेक लोग_
कहते हैं।
60 के बाद स्वस्थ रहने का क्या है राज
ईश्वर ने मनुष्य को 100 वर्ष की आयु प्रदान की है जीवन के चौथे पड़ाव पर कैसे स्वस्थ रहें पर आदर्श विद्या मंदिर के होनहार छात्र डॉक्टर बी एस खंडेलवाल ने कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी।
आप 68 वर्ष के हैं और अपने आप को युवा महसूस करते हैं। उनसे प्रश्न किया कि इसका राज क्या है उन्होंने इसका राज योग और साधना को बताया। उन्होंने कहा कि अधिकांश लोग खाली योग करते हैं या केवल साधना करते हैं जबकि दोनों का संगम जरूरी है।
साधना आपको मेंटली हेल्दी रखती है आपके विल पावर को मजबूत करती है वहीं योग आपको फिजिकल हेल्दी रखता है। आप प्रतिदिन एक घंटा योग और एक घंटा साधना करते हैं।
उनसे प्रश्न किया कि किस समय आप योग और साधना करते हो तो उन्होंने कहा कि सुबह 4 से 5 मैं योग और 5 से 6 साधना करता हूं। जिस किसी दिन समय अभाव के कारण सुबह साधना नहीं कर पाता हूं तो शाम को साधना अवश्य करता हूं।
मैंने प्रश्न किया कि आप शयन के लिए कितने बजे जाते हैं तो उन्होंने कहा कि मैं रात 11:00 बजे शयन करता हूं तो प्रश्न बना कि क्या केवल 5 घंटे की नींद पर्याप्त है उन्होंने कहा हां यदि व्यक्ति को डीप साउंड स्लीप आए तो उसे 1 घंटे की नींद भी बहुत है लेकिन अधिकांश लोगों को साउंड स्लीप स्लीप आती ही नहीं है उनके मस्तिष्क में दिनभर की इधर उधर की, लेन देन की, परिवार की घटनाएं चलने के कारण साउंड स्लीप नहीं आती।
इसके अलावा लोगों को अनिद्रा की शिकायत भी काफी है अनिद्रा से ही व्यक्ति को कई रोग घेर लेते हैं अनिद्रा से ही व्यक्ति की फिजिकल फिटनेस खराब होती है।
उन्होंने कहा कि योग और साधना से आपको साउंड स्लीप आएगी और साउंड स्लीप से आप अपनी बॉडी को ऊर्जा वान रखने में कामयाब रहोगे।
प्रश्न किया साउंड स्लीप की परिभाषा क्या है तो उन्होंने कहा कि जी नींद में शून्य विचार हों और कोई सपना नहीं आए, बॉडी रिएक्ट नहीं करें, अनकॉन्शियस एक्टिविटी के अलावा कोई एक्टिविटी नहीं करें उसको डीप स्लीप कहते हैं। मेडिकल साइंस में एनेस्थीसिया एक डीप स्लीप का उदाहरण है खर्राटे लेने वालों को कभी डीप स्लीप नहीं आती है। साउंड स्लीप नहीं लेने वालों को थकान बनी रहती है बॉडी में दर्द बना रहता है शरीर में स्फूर्ति नहीं होती है।
डीप स्लीप यानि गहन निद्रा इतनी गहरी होती है कि इस दौरान शरीर की अधिकांश क्रियाएँ शिथिल हो जाती है। इस अवस्था में शरीर की उर्जा भी कम से कम खर्च होती है। हृदय की धड़कन, श्वांस की गति एकदम कम हो जाती है। यहाँ तक कि आई बॉल मूमेंट भी न के बराबर होता है। सपनों मे आई बॉल मुमेंट सक्रिय होते है यानि मस्तिष्क पूर्ण क्रियाशील है अतः मस्तिष्क को आराम नही मिल रहा है।
आज की जीवन शैली में आप चाहकर भी डीप स्लीप नही ले सकते लेकिन लगातार योग और साधना से यह संभव है।
और एक विशेष बात डीप स्लीप केवल एक घंटे की होती है जो पर्याप्त भी होती है बाकी घंटे तो बॉडी की की नींद शरीर को आराम प्रदान करती है। डीप स्लीप नींद के शुरुआत में ही आती है अतः नियमित निश्चित समय पर सोवें।
गर्व की बात है और उल्लेखनीय है कि डॉ बी एस खंडेलवाल के पुत्र यतिन खंडेलवाल पंजाब मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर बिहार के किशनगंज एमजीएम मेडिकल कॉलेज से मेडिसिन विषय में एम डी कर रहे हैं।
संपर्क सूत्र : डॉक्टर बी एस खंडेलवाल
मो +91 93146 60352