आल्ज़ाइमर डे – 21 सितंबर 2023
विश्व अल्ज़ाइमर डे
चलो स्टिग्मा तोड़ते हैं!
जनरल मेडिसिन स्पेशलिस्ट एंड न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. स्वप्निल जैन के अनुसार, अल्ज़ाइमर रोग अक्सर बुढ़ापे के बाद 60 वर्ष की आयु के बाद आमतौर पर डिमेंशिया का सबसे आम न्यूरोडेजेनरेटिव कारण होता है। उन्होंने आगे कहा कि यह कुछ मस्तिष्क कोशिकाओं के क्षति के कारण होता है जिससे ऐसिटलकोलीन की कमी होती है। शुरू से ही इस रोग के लक्षण उभरने पर परामर्श और इलाज लेने से इस रोग को गंभीर होने से रोका जा सकता है समय पर सचेत हो जाए तो ही रोग के इलाज में बेहतर होता है।
इसके मुख्य लक्षण हैं
*स्मृति की हानि, भाषा समस्याएँ, ध्यान की कमी और योजना में कमी, पहचाने जाने वाले मार्गों की कठिनाइयाँ, व्यवहार में परिवर्तन, और रुचि में हानि।*
*इसे कुछ जीवनशैली परिवर्तनों से बड़े पैमाने पर रोका जा सकता है*।
ठीक नींद,
स्वस्थ आहार,
जागरूकता,
सिगरेट और शराब का सेवन बंद,
नियमित शारीरिक गतिविधि, उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण, मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल स्तर के ठीक नियंत्रण जैसे।
अभी तक इसका प्रबंधन साधारणत: दवाओं के साथ लक्षणों का उपचार पर केंद्रित रहा है जो ऐसिटलकोलीन स्तर बढ़ाती हैं, लेकिन हाल के समय में आल्ज़ाइमर के उपचार में FDA के 2 एंटी एमिलॉयड दवाओं द्वारा उपचार में कामयाबी मिली है। जो रोग को आगे बढ़ने नहीं देने में सहायक है!
डॉ. स्वप्निल जैन
कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट
जयपुर अस्पताल, लाल कोठी, जयपुर
टूथ एन ब्रेन क्लिनिक, चित्रकूट स्कीम, जयपुर
डॉ. स्वप्निल जैन ने अपनी एमबीबीएस और एमडी जनरल मेडिसिन की पढ़ाई प्रतिष्ठित SMS मेडिकल कॉलेज, जयपुर से की थी। उन्होंने इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल, न्यू दिल्ली से नेशनल बोर्ड (डॉक्टरेट ऑफ नेशनल बोर्ड – डॉ.एन.बी) में न्यूरोलॉजी की पढ़ाई की, न्यूरोलॉजी के महान विद्वानों के साथ प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्होंने 2022 दिसंबर में अपने सुपर स्पेशलाइजेशन को पूरा किया और तब से जयपुर अस्पताल, लाल कोठी और टूथ एन ब्रेन क्लिनिक, चित्रकूट, जयपुर में अपनी सेवाएं दे रहे है।
sampark sutr Dr swapnil jain
mo 8209171583