विधानसभा चुनाव बाद सचिन पायलट अन्य दूसरे राज्यों के प्रभारी
पायलट को दौसा,करौली व सवाई माधोपुर सीट जिताने के लिए बनाया था CWC सदस्य..
2000 के बाद ही मिली कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
जुलाई 2000 में सचिन पायलट द्वारा की गई पार्टी से बगावत के बाद राजस्थान से विधायक सचिन पायलट को पार्टी की महत्वपूर्ण CWC कमेटी में सदस्य बनाया।
पार्टी सूत्रों के अनुसार राजस्थान विधानसभा चुनाव तक सचिन पायलट को तीन जिलों करौली,दौसा व सवाई माधोपुर की कांग्रेस सीटों को जिताने के लिए विशेष तौर से जिम्मेदारी दी है।
सूत्रों ने बताया कि चुनाव बाद सचिन पायलट को राजस्थान से बाहर अन्य राज्य के प्रभारी बनाया जाएगा।
इस चयन से राजस्थान में सचिन पायलट की जो नाराजगी रही है उसे कम करने की कोशिश है। विधानसभा चुनाव से पहले संगठन में राष्ट्रीय स्तर पर ये बदलाव मायने रख रहे हैं।
इस टीम से राजस्थान के कई चेहरे नदारद हैं। रघु शर्मा, रघुवीर मीणा, अशोक गहलोत समेत तमाम चेहरे बाहर रखे गए हैं।
यदि कांग्रेस हारती है तो हार की जिम्मेदारी सचिन पायलट,भंवर जितेंद्र सिंह पर मानी जाएगी। क्योंकि,लगातार साढ़े चार साल से पायलट यह बयान दे रहे है कि वे जब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष थे,तो उन्होंने अपने दम पर 100 सीट जीत कर सरकार बनवाई थी।
सचिन पायलट और भंवर जिंतेंद्र सिंह दोनों पूर्वी राजस्थान से आते हैं। इन दोनों को राष्ट्रीय टीम में जगह दी गई है ।
क्योंकि, अलवर से भंवर जिंतेंद्र सिंह आते हैं। उन क्षेत्रों में कांग्रेस ने अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखने के लिए जितेंद्र सिंह को दोबारा जगह दी है।
वहीं, सचिन पायलट भले ही सत्ता में नहीं हैं लेकिन उनकी अहमियत बनाए रखने के लिए उन्हें सीडब्ल्यूसी में जगह दी गई है।