रोजमर्रा की जिंदगी में किसी को भी हो सकती है स्पोर्ट्स इंजरी
जो व्यक्ति थका हुआ हो और घुटने कंधे में दर्द महसूस कर रहा हो उसको अपनी मर्जी से व्यायाम व एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए क्योंकि मांसपेशियों में खिंचाव आने के कारण विभिन्न होते हैं तो हड्डी में चोट के कारण भी अनेक होते हैं उनकी समस्या का समाधान भी विशेष प्रकार से होता है।
देखने में आया है कि स्पोर्ट्स इंजरी को लोग नजर अंदाज करते है और समय पर इलाज नहीं लेते जो आगे जाकर उनको परेशानी में डाल सकती है।
इस बारे में
Arthroscopy, sports injury and robotic surgery specialist
डॉ राजीव गुप्ता कहते है कि स्पोर्ट्स इंजरी ऐसी चोट होती है जिसमें जख्म तो नहीं दिखता लेकिन अंदरूनी रूप से शरीर में असहनीय दर्द होता है। इसमें हड्डियां टूटने, मोच आने, अंग, मांसपेशी आदि का अपनी जगह से खिसकने व लिगामेंट के क्षतिग्रस्त होने जैसी समस्या होती है।
स्पोर्ट्स इंजरी सिर्फ खिलाड़ियों को ही नहीं रोजमर्रा की जिंदगी में किसी को भी हो सकती है। इस इंजरी में जोड़ या शरीर के किसी अन्य हिस्से के लिगामेंट या कोशिका में चोट लग जाती है जिससे पीडि़त को या खिलाड़ी को चलने-फिरने में परेशानी होने के साथ असहनीय दर्द की शिकायत भी हो सकती है।
उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि ऐसे में हर ऐसी चोट जिसमें जख्म न दिख रहा हो और दर्द या सूजन की स्थिति है तो उसका समय पर इलाज कराना चाहिए।
इलाज के अभाव में दैनिक दिनचर्या के काम पर भी असर होने लगता है।
स्पोर्ट्स इंजरी से कैसे हो बचाव।
कुछ महत्वपूर्ण उपाय।
वॉर्मअप जरूरी –
जोड़ दो हड्डियों को जोड़ते हैं जबकि लिगामेंट उसे मजबूती देते हैं। चोट लगने पर लिगामेंट डैमेज होने से व्यक्ति मूवमेंट नहीं कर पाता। ऐसे में अचानक कोई भारी वस्तु उठाने, हैवी वर्कआउट करने या खेल के मैदान पर जाने से पहले 5-10 मिनट वॉर्मअप जरूर करें। ये वर्कआउट, एक्सरसाइज, काम या खेल किस तरह का है, इस पर निर्भर करते हैं।
वॉर्मअप मुख्य रूप से ‘नेक टू टो’ फॉर्मूले के अनुसार करते हैं जिसमें स्ट्रेचिंग के साथ हल्की जंपिंग-रनिंग करते हैं। इससे मांसपेशियों की मजबूती व शारीरिक क्षमता बढ़ती है। स्पोर्ट्स इंजरी को नजरअंदाज करने से खिलाड़ी के खेलने की क्षमता कम होती है जबकि सामान्य व्यक्ति का जीवन मुश्किल हो जाता है।
कुछ स्पोर्ट्स इंजरी के बाद कोई तकलीफ नहीं होती लेकिन अचानक क्रैंप आने लगता है। ऐसे में सतर्क रहना जरूरी है क्योंकि ये क्रैंप किसी भी वक्त मुश्किल में डाल सकता है।
इंजरी का ग्रेड पता करने के लिए एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई व गंभीर स्थिति में मांसपेशी का कलर डॉप्लर टैस्ट भी करते हैं।
खेलते या व्यायाम करते हुए आपका हर उपकरण या प्रयोग में आने वाली चीजें सही होनी चाहिए जैसे जूते। अगर आपके जूते सही नहीं होंगे, तो यह पैर में चोट का कारण बन सकते हैं।
विशेष चेतावनी:
जब भी आप थके हुए या दर्द में हों तब व्यायाम करना या खेलना नजरअंदाज करें।
अगर आपको स्पोर्ट इंजरी होती है तो आप फिर से खेलने या व्यायाम से पहले सही इलाज कराएं और आराम करें।
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संपर्क सूत्र : डॉ राजीव गुप्ता
मो 9414980697