वीआइपी रोड अब कहलायेगा स्व.राजीव गांधी मार्ग नाम बदलने पर भाजपा ने दिखाए तेवर
रायपुर। रायपुर नगर निगम की एमआइसी ने गुरूवार को वीआइपी रोड का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के नाम से करने का प्रस्ताव पारित किया है। महापौर एजाज ढेबर ने बताया कि सालों से तेलीबांधा चौक से माना एयरपोर्ट जाने वाले मार्ग को वीआइपी रोड के नाम से जाना जाता रहा है। क्या वीआइपी रोड में केवल वीआइपी लोग ही निवासरत है, इसलिए हमने इस मार्ग का नामकरण करने का प्रस्ताव रखा।
दरअसल एमआइसी सदस्य सहदेव व्यवहार,पार्षद संध्या नानू ठाकुर ने वार्डो में निवासरत नागरिको की मांग पर वीआइपी चौक से एयरपोर्ट जाने वाले मार्ग का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के नाम से करने पत्र लिखा था। इस प्रस्ताव को एमआइसी में रखा गया जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। सामान्य सभा में इस पर चर्चा करके स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जायेगा।
नाम बदलने का ठेका ले रखी है कांग्रेस- बीजेपी
छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता और रायपुर नगर निगम के पूर्व सभापति संजय श्रीवास्तव ने राजधानी के वीआईपी रोड का नाम बदलकर ‘राजीव गांधी मार्ग’ किये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि ऐसी चाटुकारिता के अलावा कांग्रेस से और कोई उम्मीद रायपुर की जनता कर भी नहीं सकती। चार साल में एक गली तक नहीं बनवाने वाले महापौर अपने मुख्यमंत्री के नक्शेकदम पर चल रहे हैं। बल्कि बड़े मियां तो बड़े मियां, छोटे मियां सुभानअल्ला साबित हो रहे हैं। जिनकी सियासी सरपरस्ती में 2 हजार करोड़ का शराब घोटाला संभव है, जिनके इशारे पर शहर भर में कब्जेदारी चल रही है, स्मार्ट सिटी के पैसों का दुरुपयोग कर भारी भ्रष्टाचार चल रहा है, वे केवल नाम बदल सकते हैं। घोटालेबाजी के अलावा काम कुछ नहीं कर सकते।
नाम गुम जायेगा, चेहरा बदल जायेगा
उन्होंने कहा कि अभी कुछ माह पहले जब बिना टेंडर के तेलीबांधा से वीआईपी रोड चौक के डिवाइडर पर कलाकारी हो रही थी, तभी संकेत मिल गए थे कि इसके बाद एक और कलाकारी होने वाली है। भाजपा नेता श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साढ़े चार साल में यदि कोई काम किया है तो वह केवल नाम परिवर्तन और नाम से छेड़छाड़ करने का काम किया है। उन्होंने तो राज्य निर्माता अटलजी के नाम पर विकसित नई राजधानी के नाम से छेड़छाड़ करने तक की निर्लज्जता दिखाई। दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम का नाम बदलने की कोशिश की, कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी का नाम उन्हें चुभता है। इनका बस चलता तो कमल विहार का नाम बदलने वाले अटलनगर का नाम भी राजीव नगर कर देते। जनता इनकी हर हरकत को देख रही है। समय आ गया है। इनका ही नाम गुम जायेगा। चेहरा बदल जायेगा।