*अब डॉक्टर राजीव गुप्ता बने रोबोटिक ऑर्थोपेडिक सर्जन*
भविष्य में रोबोटिक सर्जरी का प्रचलन बढ़ेगा
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और ऑटोमेशन ने हर क्षेत्र में क्रांति ला दी है, स्वास्थ्य सेवा भी इससे अछूता नहीं रहा।
इन नई-नई तकनीकों के विकास ने घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी को बेहतर बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दूसरी सभी जोड़प्रत्यारोपण सर्जरियों में से सबसे प्रमुख होने के कारण घुटना प्रत्यारोपण ने शोधकर्ताओं और प्रौद्योगिकीविदों का ध्यान सबसे अधिक आकर्षित किया है। ऑर्थोस्कॉपी एवं स्पोर्ट्स इंजरी स्पेशलिस्ट डॉ राजीव गुप्ता जिनको घुटना एवं कंधा जोड़ प्रत्यारोपण में सघन अनुभव प्राप्त है आप राजस्थान के प्रथम पीएचडी हासिल चिकित्सक हैं ने बताया कि जहां मानव के हाथ सटीक रूप से निश्चित निर्दिष्ट स्थान पर नहीं पहुंच पाते हैं वहां रोबोट की सहायता से ऑपरेशन आसानी से किए जा सकते हैं। हाल ही आपने रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत कर दी है।
यह सर्जरी मुख्य रूप से आर्थराइटिस (ऑस्टियोआर्थराइटिस / रूमेटाइड आर्थराइटिस) के मरीजों के लिए की जाती है, जिनके जोड़ों में दर्द के कारण उनकी गति कार्यक्षमता सीमित हो जाती है। यह हड्डियों से संबंधित सबसे सामान्य समस्याओं में से एक है जो मरीजों को प्रभावित करती है।
घुटना प्रत्यारोपण एक बहुत ही सटीक/सूक्ष्म सर्जरी है जहां प्रत्यारोपित किए गए इम्प्लांट के लंबे समय तक चलने और सामान्य रूप से कार्य करने के लिए उसका सही तरीके से फिट होना, उसकी स्थिति और संरेक्षण आवश्यक है। पारंपरिक तकनीकों में सर्जरी की योजना अमूमन एक्स-रे पर आधारित होती है, जिसमें इम्प्लांट्स के प्रत्यारोपण के लिए हड्डी के सिरों को फिर से आकार देने के लिए मैनुअल जिग्स उपलब्ध होते हैं।
वहीं रोबोटिक सर्जरियों में सर्जरी की योजना पूरे पैर के सीटी स्कैन पर आधारित होती है, जिससे प्रत्येक घुटने के लिए एक अनुकूलित सुनियोजित योजना तैयार करने में सहायता मिलती है। फिर हम रोबोटिक आर्म द्वारा इस योजना यानी घुटना प्रत्यारोपण को निपुणता से क्रियान्वित किया जाता है।
संपर्क सूत्र डॉक्टर राजीव गुप्ता मो 9414980697