तेज – तेज और अधिक देर तक न रगड़ें दांतो को
दांतो का सुरक्षा कवच होता है इनेमल
दांतों में होने वालो झनझनाहट यानी टूथ सेंसिटिविटी आम समस्या है।
अगर ठंडा या गर्म खाने पर दांतों और मसूड़ों में तेज झनझनाहट या दर्द होता है तो इसका समय रहते करा लेना चाहिए इलाज। इस बारे में राजस्थान डेंटल कॉलेज के प्रसिद्ध दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. एच एल गुप्ता का कहना है कि वो व्यक्ति जब बहुत ठंडी या गरम चीज खाते हैं, तो अचानक दांतों में तेज दर्द या झनझनाहट होने लगती है। यह झनझनाहट किसी एक दांत में भी हो सकती है और सभी दांतों में भी। कभी- कभी ये समस्या मुंह में हवा खींचने पर भी हो सकती है। ऐसा समस्या के ज्यादा गंभीर होने पर होता है। ‘दांत का वो भाग, जो मुंह के अंदर दिखाई देता है, उसे हम क्राउन कहते हैं और जो भाग मसूड़े के अंदर होने की वजह से दिखाई नहीं देता उसे हम रूट या जड़ कहते हैं। क्राउन में सबसे अंदर पल्प नाम का भाग होता है, जिसमें रक्त और तंत्रिका संचार होता है।
इसकी बाहरी परत डॅटिन होती है, जो काफी सेंसिटिव होती है और सबसे बाहरी सुरक्षा परत को इनेमल कहते हैं, जो अंदरूनी सेंसिटिव डेटिन की सुरक्षा करती है। अगर यह इनेमल झड़ने या कम होने लगता है, तो डॅटिन की परत ऊपर आ जाती है, जिससे झनझनाहट होने लगती है। इसी तरह मसूड़ों के ढीले पड़ने या घिसने पर मसूड़ों के जड़ की सबसे बाहरी परत भी संपर्क में आने लगती है, जिससे झनझनाहट होने लगती है।
डॉ गुप्ता ने बताया कि यह भ्रांति है कि ज्यादा ब्रश करने या ज्यादा रगड़कर ब्रश करने से दांत सफेद होंगे। सच यह है कि दांतों को बहुत रगड़ने से इनेमल झड़ने लगता है।
मसूड़े दांतों की जड़ की तरफ से खुलने लगते हैं, जिसे हम दन्त विज्ञान की भाषा में जिंजाईवल रिसेशन कहते हैं। ऐसे में ज्यादा सख्त बाल वाले ब्रश या बहुत ज्यादा पेस्ट लगाकर दांतों को देर तक रगड़ते रहने से दांतों पर दोहरी मार पड़ती है।
इससे दांतों में झनझनाहट होने लगती है। शुरुआती उपचार में मेडिकेटेड पेस्ट और एल्कोहल फ्री सेंसिटिव माउथवॉश आदि के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। व्यक्ति को मुलायम व हल्के बालों वाले ब्रश से पेस्ट करने को कहा जाता है।
संपर्क सूत्र- डॉ. एच एल गुप्ता मो. 9414070737