सोच बदलनी होगी अस्पताल जेल और शमशान ही असल अनुभूति देते है
सोच बदलनी होगी
अस्पताल जेल और शमशान ही असल अनुभूति देते है
यह तीनों जगहें ऐसी हैं जहां कुछ समय मनुष्य को यथार्थ का पता चलता है, उड़ने का ख्वाब उड़ जाता है। अपने को असहाय और भगवान को ही कर्ताधर्ता मानता है!
सोच बदलनी होगी
जीवन का वास्तविक सत्य है क्या !
45000 करोड़ की संपत्ति रखने वाले राकेश झूंजुनवाला के निधन से पहले के अंतिम शब्द :
मैं व्यापार जगत में सफलता के शिखर पर पहुँच चुका हूँ। मेरा जीवन दूसरों की नज़र में एक उपलब्धि है। हालाँकि, काम के अलावा मेरे पास कोई खुशी नहीं थी। पैसे की कितनी ताकत।
इस समय अस्पताल के बिस्तर पर लेटे हुए और अपनी पूरी जिंदगी को याद करते हुए, मुझे एहसास होता है कि मुझे जो मेरी पहचान और पैसे पर गर्व था, वह कितना बेकार है।
आपके पैसे से खोई हुई भौतिक वस्तुएँ मिल सकती हैं। लेकिन एक चीज़ है, जो खो जाने पर कभी नहीं मिलती – और वह है “स्वस्थ जीवन”।
समय के साथ हमें उस दिन का सामना तो करना होगा, जब दिल धड़कना बंद हो जाएगा।
सोच बदलनी होगी
अपने परिवार, जीवनसाथी और दोस्तों से प्यार करें…
उनके साथ अच्छा व्यवहार करें, उनके साथ धोखा न करें, बेईमानी या विश्वासघात कभी न करें।
जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं और समझदार बनते हैं, हमें धीरे-धीरे एहसास होता है कि Rs 300 या 3 लाख की कीमत की घड़ी पहनने से – सब घड़ी एक ही समय को दर्शाती है।
हमारे पास 100 का पर्स हो या 500 का – अंदर सब कुछ समान होता है।
चाहे हम 5 लाख की कार चलाएँ या 50 लाख की कार चलाएँ। रास्ता और दूरी एक ही है और हम उसी मंजिल पर पहुँचते हैं।
हम जिस घर में रहते हैं, चाहे वह 300 वर्ग फुट का हो या 3000 वर्ग फुट का – अकेलापन हर जगह समान है।
सोच बादलनी होगी
आपको एहसास होगा कि आपकी सच्ची आंतरिक खुशी इस दुनिया की भौतिक वस्तुओं से नहीं मिलती।
आप फर्स्ट क्लास या इकोनॉमी क्लास में उड़ान भरें, अगर विमान नीचे गिरता है तो आप भी उसके साथ नीचे ही जाएंगे।
इसलिए.. मैं आशा करता हूँ कि आपको एहसास होगा, आपके पास दोस्त, भाई और बहनें हैं, जिनके साथ आप बातें करते हैं, हंसते हैं, गाते हैं, सुख-दुख की बातें करते हैं,… यही सच्ची खुशी है!!
जीवन की एक निर्विवाद सच्चाई से सोच बदलो
अपने बच्चों को केवल अमीर बनने के लिए शिक्षित न करें। उन्हें खुश रहना सिखाएँ। जब वे बड़े होंगे तो उन्हें चीज़ों की लागत नहीं, मूल्य की जानकारी होगी।
जीवन जीने के लिए सोच बदलो
जीवन को बेहतर समझने के लिए तीन स्थान हैं:
– अस्पताल – जेल – श्मशान
अस्पताल में आप समझेंगे कि स्वास्थ्य से अच्छा कुछ नहीं है।
जेल में आप देखेंगे कि आज़ादी कितनी अमूल्य है।
और श्मशान में आपको एहसास होगा कि जीवन कुछ भी नहीं है।
आज हम जिस ज़मीन पर चल रहे हैं, वह कल हमारी नहीं होगी।
चलो अब से विनम्र बनें और हमें जो मिला है उसके लिए भगवान का धन्यवाद करें। संतोषी सदा सुखी। कर्म करते रहो। जो प्राप्त होगा, पर्याप्त है। कर्म करना ना छोड़े।
संपर्क सूत्र लेखक : +919672777737 ( डॉ मान सिंह भाँवरिया)