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dermatology / चर्मरोग

लंबे समय तक चमकदार एवं युवा त्वचा का आनंद लेने के कुछ उपाय

चमकदार एवं युवा त्वचा का आनंद लेने के कुछ उपाय

अखिल भारतीय त्वचा एवं रतिरोग महासंघ द्वारा जन साधारण में त्वचा एवं त्वचा रोगो के बारे मे जानकारी हेतु हर वर्ष 6 अप्रेल को *राष्ट्रीय त्वचा स्वास्थय दिवस* के रूप में मनाया जाता है।

इस बार महासंघ का नारा : 

सब के लिए स्वस्थ त्वचा का अधिकार : अपने त्वचा रोग विशेषज्ञ कि सलाह माने न कि सोशल मीडिया को प्रभावित करने वाले लोगो की

वरिष्ठ त्वचा रोग विषेषज्ञ डॉ दिनेश माथुर ने बताया त्वचा शरीर का सबसे बड़ा अंग है। वयस्कों में इसकी माप लगभग 1.5-2 वर्ग मीटर होती है और इसका वजन शरीर के कुल वजन का लगभग 15 प्रतिशत होता है। मानव शरीर में लगभग कई मील लंबी रक्त वाहिकाएँ होती हैं, जिन्हे एक लाईन में रखकर नापा जाये तो 96000 किमी के लगभग होती है जिसे पृथ्वी के दो बार घुमाकर बांधा जा सकता है इसके अलावा त्वचा के प्रत्येक वर्ग इंच में 20 फीट रक्त वाहिकाएं, 100 तेल ग्रंथियां और 650 पसीने की ग्रंथियां होती हैं। इसमें 1,000 से अधिक तंत्रिका भी होते हैं जो स्पर्श, दर्द, तापमान और दबाव को महसूस करते हैं। जब उन तंत्रिका में से एक को उत्तेजित किया जाता है, तो मस्तिष्क को एक संकेत भेजा जाता है, और व्यक्ति संबंधित अनुभूति को “महसूस“ करता हैं।

त्वचा-मस्तिष्क संबंध 

आधुनिक शोध कार्यो में यह भी बताया गया है कि त्वचा एक न्यूरोइम्यूनोएंडोक्राइन अंग के रूप में भी कार्य करती है, जो तंत्रिका संकेतों और तनाव प्रतिक्रियाओं के प्रति इसकी संवेदनशीलता पर जोर देती है। इसके अलावा मानव शरीर की त्वचा रोगजनकों, यूवी विकिरण और प्रदूषकों जैसे बाहरी कारकों के खिलाफ एक सुरक्षात्मक बाधा प्रदान करती है।

स्वस्थ त्वचा को बनाए रखने के लिए विभिन्न तरीके

त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के तरीकों के बारे में ऐसे समझेः-

हाइड्रेशन

त्वचा के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पर्याप्त जल महत्वपूर्ण है। निर्जलित त्वचा सुस्त एवं शुष्क दिखाई दे सकती है। त्वचा में पर्याप्त जल सुनिश्चित करने के लिए, पूरे दिन भरपूर पानी पिएं और हाइलूरोनिक एसिड और ग्लिसरीन जैसे हाइड्रेटिंग तत्वों वाले मॉइस्चराइज़र का उपयोग किया जा सकता है।

त्वचा की सफाई

त्वचा की उचित सफाई गंदगी, तेल और अशुद्धियों को हटाती है, बंद छिद्रों और मुंहासों को रोकती है। व्यक्ति को अपनी त्वचा के प्रकार के अनुकूल एक सौम्य क्लींजर चुनना चाहिए और अपने चेहरे को दिन में कम से कम दो बार साफ करना चाहिए, खासकर पसीना आने या मेकअप लगाने के बाद। बहुत ज्यादा साबुन और ज़्यादा धोने से बचना चाहिए, क्योंकि ये त्वचा के प्राकृतिक तेलों को शरीर से हटा सकते है।

धूप से सुरक्षा 

सूर्य से निकलने वाली पराबैगनी किरणें समय से पहले बुढ़ापा, काले धब्बो संबंधी समस्याएँ और त्वचा के कैंसर जैसे रोग भी कर सकते है। हर दिन, बादल वाले दिनों में भी, ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन लगाना उपयोगी हो सकता है। इसके अलावा, छाया में रहें, सुरक्षात्मक कपड़े पहनें और अपनी त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाने के लिए धूप का चश्मा और टोपी का उपयोग करें।

पोषण

स्वस्थ त्वचा के लिए विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर संतुलित आहार आवश्यक है। जिसके लिए भोजन में भरपूर मात्रा में फल, सब्ज़ियाँ, प्रोटीन और स्वस्थ वसा शामिल करें। अखरोट जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ त्वचा की लोच और नमी बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।

एक्सफोलिएशन

नियमित एक्सफोलिएशन मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाता है, जिससे अंदर की त्वचा चिकनी और चमकदार दिखती है। अपनी त्वचा के प्रकार के अनुकूल एक सौम्य एक्सफोलिएंट जैसे कई घरेलू उबटन आदि का इस्तेमाल करना लाभदायक हो सकता है। ज़्यादा एक्सफोलिएशन से जलन और संवेदनशीलता हो सकती है, इसलिए सावधान रहें कि इसे ज़्यादा न करें।

मॉइस्चराइज़र

मॉइस्चराइज़र त्वचा की नमी को बनाए रखने में मदद करते हैं और त्वचा के अवरोधक कार्य को मज़बूत करते हैं। अपनी त्वचा के प्रकार के अनुसार मॉइस्चराइज़र चुनें, चाहे वह रूखी हो, तैलीय हो या मिश्रित हो। चेहरे, हाथ और पैरों जैसे रूखेपन वाले क्षेत्रों पर रोज़ाना मॉइस्चराइज़र लगाएँ।

तनाव प्रबंधन

तनाव से मुहांसे, एक्जिमा और सोरायसिस जैसे त्वचा संबंधी रोगो में इजाफा हो सकता है समग्र स्वास्थ्य और त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए ध्यान, गहरी साँस लेने के व्यायाम, योग या बाहर समय बिताने जैसी तनाव कम करने वाली तकनीके भी फायदा करती है।

सम्पर्क जनित त्वचा रोग

संपर्क जनित त्वचा रोग में सूजन एवं खुजलीदार दाने हो जाते है जो किसी पदार्थ के सीधे संपर्क या उससे होने वाली एलर्जी की प्रतिक्रिया के कारण होता है। यह दाने संक्रामक नहीं होते है, लेकिन यह बहुत असुविधाजनक हो सकते है। कई पदार्थ इस प्रतिक्रिया का कारण बन सकते हैं, जैसे सौंदर्य प्रसाधन, सुगंध, गहने और पौधे इन सबका पैच टैस्ट करके उपचार किया जा सकता है।

नियमित जांच

त्वचा की जांच और व्यक्तिगत त्वचा देखभाल संबंधी सुझावों के लिए त्वचा विशेषज्ञ से नियमित रूप से मिलें। त्वचा संबंधी समस्याओं का जल्द पता लगने से समय पर हस्तक्षेप और बेहतर उपचार परिणाम मिल सकते हैं।

निष्कर्ष के तौर पर, त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए उचित त्वचा देखभाल, जीवनशैली विकल्पों और सुरक्षात्मक उपायों का संयोजन शामिल है। हाइड्रेशन, धूप से सुरक्षा, पोषण और तनाव प्रबंधन जैसे प्रमुख मापदंडों पर ध्यान देकर, आप आने वाले वर्षों के लिए चमकदार एवं युवा त्वचा का आनंद ले सकते हैं।

संपर्क सूत्र डॉ दिनेश माथुर मो 9829061176

एक परिचय स्किन रोगों में विख्यात शख्सियत का।

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