विशेष
चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
क्राइम

मणिपाल हॉस्पिटल के चिकित्सकों की लापरवाही ऑपरेशन में लापरवाही से किडनी में किया छेद

मणिपाल हॉस्पिटल के चिकित्सकों की लापरवाही ऑपरेशन में लापरवाही से किडनी में किया छेद। 

अब अस्पताल को देना होगा 15.50 लाख का हर्जाना

मामला यह था…….

कृष्ण अवतार मालाणी ने 8 फरवरी 2022 को सीकर रोड स्थित मणिपाल हॉस्पिटल में डॉ दिव्य रतन धवन को पेट में दर्द होने की शिकायत लेकर दिखाया था।

जांच कर डॉ ने उसे बताया कि उसकी बांयी ओर की किडनी के यूरेटर में 13 एमएम की पथरी है और दूरबीन के माध्यम से उसका सामान्य तरीके से ऑपरेशन किया जाएगा और विश्वास दिलाया कि लेजर प्रणाली से ऑपरेशन कर स्टोन निकाल दिए जाएंगे और कोई परेशानी भी नहीं होगी।

परिवादी हॉस्पिटल में भर्ती हो गया और 9 फरवरी को उसका ऑपरेशन कर दिया। उसे 11 फरवरी 2022 को डिस्चार्ज करने के लिए कहा। इस दौरान जब नर्सिंग स्टॉफ ने यूरिन के लिए लगाए केथेटर को हटाया तो उसके अत्यधिक दर्द हुआ और ब्लड व क्लोट्स निकले।

ऑपरेशन के बाद से उसका यूरिन बंद हो गया, लेकिन हॉस्पिटल ने कोई ध्यान नहीं दिया और स्थिति बिगड़ने पर ट्यूब के जरिए यूरिन निकाला। वहीं बाद में उसे 11 फरवरी की जगह 17 फरवरी को दवाई देकर डिस्चार्ज कर दिया गया। लेकिन मरीज को 4-5 दिन बाद यूरिन की जगह से ब्लडिंग होने लगी और वह फिर मणिपाल हॉस्पिटल गया जहां उसे 24 फरवरी को पुन: हॉस्पिटल में भर्ती करा गया, लेकिन 3 मार्च तक भर्ती रहने के बाद भी दर्द व ब्लडिंग में कोई सुधार नहीं हुआ। यानि 9 फरवरी से 3 मार्च तक 23 दिन मरीज को शारीरिक और मानसिक वेदना झेलनी पड़ी। मरीज के साथ परिजन दुखी हुए और साथ ही लाखो रुपए खर्च हुए।

परिवादी मरीज ने दूसरी जगह दिखाया तो पता चला कि उसकी बांयी ओर की किडनी के लोअर पोल में छेद हो गया है और इस कारण ही ब्लेडिंग होना व क्लोट्स बने हैं। जिस पर उसने दूसरे डॉक्टर से ऑपरेशन कराया और वायर के जरिए उसके किडनी के छेद को बंद किया गया। इस मणिपाल हॉस्पिटल की घोर लापरवाही से दुखी होकर परिवादी मरीज ने उपभोक्ता अदालत में चुनौती देते हुए इलाज पर खर्च हुई राशि हर्जाना सहित दिलवाए जाने का आग्रह किया।

जयपुर जिला उपभोक्ता आयोग द्वितीय में पथरी ऑपरेशन के दौरान लापरवाही से मरीज की किडनी में छेद करने को गंभीर सेवादोष मानते हुए सीकर रोड स्थित मणिपाल हॉस्पिटल पर 15.50 लाख रुपए का हर्जाना लगाया।

वहीं हॉस्पिटल को निर्देश दिया है कि वह मरीज के इलाज में खर्च हुए 3.10 लाख रुपए भी उसे परिवाद दायर करने की तारीख से 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से लौटाए। उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष ग्यारसीलाल मीना व सदस्य हेमलता अग्रवाल ने यह निर्देश कृष्ण अवतार मालाणी के परिवाद पर दिया।

जवाब में विपक्षी ने कहा कि उनकी ओर से ऑपरेशन में लापरवाही नहीं बरती है लेकिन विपक्षी अपना पक्ष साबित नहीं कर पाया।

आयोग ने दोनों पक्षों को सुनकर विपक्षी मणिपाल हॉस्पिटल को सेवा में दोषी करार देते हुए हर्जाना लगाया व इलाज पर खर्च हुई राशि भी ब्याज सहित लौटाने के निर्देश दे दिए है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Related Articles

Back to top button