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AU का अर्थ होता है सोना और आपका AU बैंक है ग्राहक की विश्वास की कसौटी पर सोने जैसा खरा: संजय अग्रवाल

AU बैंक के संस्थापक संजय अग्रवाल से प्रश्न किया कि अपने बैंक का नाम AU क्यों रखा है इसका क्या तात्पर्य है तो उन्होंने बताया कि AU नाम का अर्थ सोना होता है और

लोग जिस प्रकार सोने पर विश्वास करते हैं इसी प्रकार हमारा बैंक सोने की कसौटी पर खड़ा उतर कर ग्राहकों की सेवा के लिए तत्पर रहेगा इसलिए बैंक का नाम और रखा।
उन्होंने दावा किया कि बैंक ग्राहकों के विश्वास पर हर हाल में 24 कैरट सोने की तरह खरा उतरेगा।

उन्होंने बैंक की शुरुआत से लेकर अब तक के सफर की चर्चा करते हुए कहा कि बैंक का 6 साल पुराना होने के बावजूद, बैंक के प्रवर्तकों का वित्तीय क्षेत्र में 28 साल का अनुभव है, जिससे बैंक को भी लाभ हो रहा है।
उन्होंने अपने लक्ष्य के बारे में बताया कि जयपुर का स्मॉल बैंक अगले तीन सालों में देश के टॉप 8 निजी बैंकों में से एक बनने का मुख्य लक्ष्य रखता है। इसके साथ ही, विलय के बाद एयू स्माल फाइनेंस बैंक को और मजबूत बनाने का निर्णय भी किया गया है। यह जानकारी बैंक के सीईओ संजय अग्रवाल ने एक प्रेस वार्ता में दी।
अग्रवाल ने बैंक की योजना को समझाते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि बैंक अपने सेवाओं को और विस्तारित करके देश भर में पहचान बनाए रखे और इस प्रक्रिया में उनका लक्ष्य तीन सालों में 1500 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष कर भुगतान करना है। इससे बैंक को देश के शीर्ष निजी बैंकों में स्थान प्राप्त होगा और वह वित्तीय सेवाओं में मजबूत होगा।
इस अवसर पर बैंक के प्रेसिडेंट गौरव जैन ने हाल ही बैंक में फिनकेयर स्माल फाइनेंस बैंक के प्रस्तावित विलय की चर्चा करते हुए इसे दोनों स्माल फाइनेंस बैंक के हित में बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एयू स्माल फाइनेंस बैंक की दक्षिण भारत में पहुंच कम हैं, लेकिन इस विलय के बाद इसमें शानदार बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।

विलय के बाद बैंक के ग्राहकों की संख्या बढ़कर करीब एक करोड़, कर्मचारियों की संख्या करीब 45 हजार और शाखाओं की संख्या बढ़कर 2300 हो जाएगी।

उनका मानना है कि इस विलय से ना केवल एयू स्माल फाइनेंस बैंक बल्कि फिनकेयर स्माल फाइनेंस बैंक के ग्राहकों को भी लाभ होगा और उनकी सुविधाओं में वृद्धि होगी।
इस कॉन्फ्रेंस में बैंक के एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट, ब्रांड-मार्केटिंग-कम्यूनिकेशन सौरभ ताम्बी ने बैंक की गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बैंक आने वाले समय में ब्रांड राजस्थान बनेगा। उन्होंने कहा कि एयू बैंक मेहनत और ईमानदारी से कार्य करने वालों के लिए एक मिसाल बन चुका है और इस मिसाल से कई लोगो ने प्राइवेट इक्विटी भागीदारी प्राप्त करने में भी सफलता प्राप्त की है।
इससे पूर्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारी योगेश जैन ने बताया कि वर्ष 1996 में राजस्थान में कुछ अलग करने की सोच के साथ ही एयू की शुरुआत हुई। वर्ष 2008 में एयू राजस्थान का पहला ऐसा वित्तीय संस्थान था, जिसे मोतीलाल ओसवाल जैसी फर्म ने प्राइवेट इक्विटी प्रदान की। 2015 में रिजर्व बैंक ने जब 10 बैंक को स्माल फाइनेंस बैंक के रूप में शुरुआत करने का लाइसेंस जारी किया, तो यह लाइसेंस प्राप्त करने वाला एयू स्माल फाइनेंस बैंक पहला बैंक था।
इसके बाद जुलाई 2017 में बैंक की शुरुआत हुई और 4 माह में ही बैंक स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध भी हो गया। उन्होंने बैंक के पिछले 6 साल के सफर का जिक्र करते हुए कहा कि हर साल भारत ही नहीं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर बैंकिंग में अनेक चुनौतियां आई और इन चुनौतियों का सामना करते हुए बैंक के कदम कभी नहीं डगमगाएं और बैंक की बैलेंसशीट में हर साल वृद्धि ही होती रही।

बैंक की जमाओं में वृद्धि के लिए उन्होंने ग्राहकों के विश्वास के साथ बैंक की बेहतरीन सुनियोजित रणनीति को श्रेय दिया।

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