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पिंकसिटी ऑफ इंडिया में विश्व स्तरीय पत्थरों का प्रदर्शन इंडिया स्टोनमार्ट- 2024

पिंकसिटी ऑफ इंडिया में विश्व स्तरीय पत्थरों का प्रदर्शन

इंडिया स्टोनमार्ट- 2024

411 स्टोन एग्जीबिटर्स देश विदेश के भाग ले रहे हैं।

ललित शर्मा। किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में पत्थर उद्योगों का प्रमुख स्थान होता है। राजस्थान में खनिज पत्थर एवं इससे संबंधित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है।

इसी दिशा में रीको के अभिन्न अंग सेन्टर फॉर डवलपमेंट ऑफ़ स्टोन्स (सीडॉस) के तत्वावधान में इंडिया स्टोनमार्ट-2024 के 12वें संस्करण का शुभारंभ 1 फरवरी 2024 को प्रात: 11 बजे जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेन्टर (जेईसीसी) सीतापुरा में किया जाएगा। इंडिया स्टोनमार्ट का यह अन्तर्राष्ट्रीय आयोजन 1 फरवरी से 4 फरवरी तक आयोजित होगा।

यह आयोजन पत्थर उद्योग से संबधित विभिन्न हितधारकों जैसे घरेलू और विदेशी उत्पादकों, निर्यातकों, आयातकों, उपभोक्ताओं और खरीदारों, विशेषज्ञों, प्रौद्योगिकी प्रदाताओं, वास्तुकारों, बिल्डरों, डेवलपर्स, कॉरपोरेट्स आदि को एक छत के नीचे मंच प्रदान करेगा।

उद्योग एवं वाणिज्य विभाग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि इंडिया स्टोनमार्ट प्रदेश के समृद्ध पत्थर उद्योग को विश्व मानचित्र पर नई पहचान अंकित करेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से प्रदेश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होती है और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों की राह खोलती है।

प्रदर्शनी में कुल 411 एग्जीबिटर्स में से तुर्की से 68, ईरान एवं इटली से 5-5, अमेरिका से 2, वियतनाम, स्पेन-रूस-इथोपिया-चीन से एक-एक, कुल 85 विदेशी एग्जीबिटर्स तथा देश के विभिन्न राज्यों से लगभग 326 एग्जीबिटर्स शिरकत करेंगे। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में 198 पत्थर उद्यमी, 195 टूल्स-मशीनरी उद्यमी, 18 संस्थागत व सेवा संबंधी एग्जीबिटर्स भाग लेंगे एवं अपने उत्पादों को दर्शाएंगे। स्टोनमार्ट में इस बार तुर्की, ईरान, ईटली के विदेशी मंडप एवं गुजरात, उड़ीसा, कर्नाटक एवं झारखंड राज्य के मंडप भी आकर्षण का केंद्र रहेंगे। उन्होंने बताया कि इंडिया स्टोनमार्ट में विशेष रूप से (स्टोन ऑफ राजस्थान गैलरी) बनाई गई है। जिसमें राजस्थान के उत्कृष्ठ पत्थरों का प्रदर्शन किया जाएगा।

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में भी राजस्थान के काफी पत्थरों का इस्तेमाल हुआ है।

राठौड़ ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस स्टोनआर्ट से राजस्थान को 1000 करोड़ का व्यापार प्राप्त होगा।

उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव व रीको अध्यक्ष श्री अजिताभ शर्मा ने बताया कि इस प्रदर्शनी में मार्बल, ग्रेनाइट, सैंड स्टोन, कोटा स्टोन, स्लेट, क्वार्ट्ज़, पत्थर खनन एवं प्रसंस्करण मशीनरी, उपकरण, खनन के लिए भारी मशीनरी और पत्थर की विभिन्न किस्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इंडिया स्टोन मार्ट में 2 से 3 फरवरी 2024 तक ‘जयपुर आर्किटेक्चर फेस्टिवल’ साथ ही क्रेता-विक्रेता बैठकें एवं इस बार भी शिल्पग्राम का आयोजन किया जाएगा।

पत्रकारों द्वारा कुछ सवाल भी पूछे गए उसमें से एक सवाल कि यह आयोजन प्रतिवर्ष क्यों नहीं किया जाता है कि जवाब में अजिताभ शर्मा ने कहा कि चूंकि इस तरह का आयोजन पूरे विश्व में आयोजित किए जाते हैं पूरे विश्व में आयोजित होने वाले प्रमुख पांच स्टोन मार्ट में से प्रमुख नाम भारत का आता है।

इस आयोजन में अनेकों तैयारी करनी पड़ती हैं और आयोजन के बाद भी उसको जमीनी स्तर पर मूर्त रूप करना भी जरूरी होता है पूरे विश्व में आयोजित होने वाले कैलेंडर को ध्यान में रखकर भी आयोजन किया जाता है इसलिए इसका नंबर द्वि वार्षिक ही आता है।

एक प्रश्न पोटाश के संग्रहण पर शर्मा ने जवाब दिया कि पोटाश जमीन में बहुत गहराई में स्थित होता है इसे आसानी से खोद कर नहीं निकाला जा सकता इसके खनन में अनेक चुनौतियां हैं पोटाश को निकालने की लागत बहुत ज्यादा आती है जो की वायबल नहीं है।

स्टोन मार्ट में भाग लेने के लिए वेबसाइट www.stonemart-india.in पर ऑनलाइन पंजीकरण किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इंडिया स्टोनमार्ट का पहला संस्करण वर्ष 2000 में आयोजित किया गया था। तब से अब तक इस द्विवार्षिक आयोजन के 11 संस्करण सफलतापूर्वक सम्पन्न हो चुके हैं। इस आयोजन का प्रमुख प्रायोजक रीको है।

इस अवसर पर रीको के प्रबंध निदेशक श्री सुधीर कुमार शर्मा, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त श्री हिमांशु गुप्ता सहित रीको एवं सीडॉस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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