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जयपुर की विधानसभा सीटों के चुनावी समीकरणों पर एक नजर

राजस्थान में कांग्रेस के जलदाय मंत्री रहे महेश जोशी का टिकट कटा इसलिए कि वे विवादो में रहे और नेगेटिव छवि बनी। हवामहल से उनकी जगह आर आर तिवाड़ी को मैदान में उतारा गया है।
कांग्रेस ने युवाओं पर भरोसा जताया।
संगरिया से अभिमन्यु पूनिया, शाहपुरा से मनीष यादव, सूरसागर से शहजाद खान को मौका दिया। शहजाद हाल में RPSC मेंबर नियुक्त किए गए अयूब खान के बेटे हैं।
आर आर तिवाड़ी जयपुर में पिछले 45 साल से जयपुर कांग्रेस संगठन के लिए काम कर रहे थे।
45 वर्षों से संगठन के लिए समर्पित तिवारी को विधायकी का टिकट दिया।

राजस्थान में 25 नवंबर को विधायकी के चुनाव है। यहां की राजधानी जयपुर की दस सीटों में से पांच पर बागी व मजबूत प्रत्याशी निर्दलीय रूप से मैदान में हैं, जो भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की विजय का गणित बिगाड़ सकते हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव के वोटो के अंतर पर नजर डालें तो झोटवाड़ा में लगभग 10000, किशनपोल में 9000, हवामहल में 9000, आदर्श नगर में 12000, सिविल लाइंस में 18000 वोटों से जीत-हार हुई थी, जिसे बड़ा अंतर नहीं माना जा सकता।
झोटवाड़ा :
हार और जीत के भाग्य की बागडोर के बड़े जिम्मेदारों में से पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने बागी के रूप में झोटवाड़ा से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है।
इस बार चुनावी रणनीति में संघ की चली।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजपाल सिंह के लिए लॉबिंग की थी, लेकिन संघ परिवार ने उन्हें टिकट नहीं दिया।
भाजपा से टिकट के दावेदार आशुसिंह सूरपुरा भी निर्दलीय के रूप में चुनावी मैदान में हैं। जो भाजपा के वोट बैंक पर सेंध डालेंगे। सांसद रहे राज्यवर्धन सिंह को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाते नजर आ रहे हैं।
आदर्श नगर :
आदर्शनगर से चार बार के पार्षद रहे उमरदराज आम आदमी पार्टी के बैनर पर चुनावी मैदान में हैं, जिसके चलते कांग्रेस नेता हाल विधायक रफीक खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जिसका सीधा फायदा भाजपा के प्रत्याशी रवि नैयर को मिलेगा विधायक रफीक खान राजस्थान की प्रमुख संस्था फॉर्टी से जुड़े हुए हैं और बड़े व्यापारी हैं रफीक खान की मुस्लिम समुदाय में अच्छी पकड़ होने के अलावा वैश्य समाज में भी 15 % पकड़ है। रवि नैयर होटल रेस्टोरेंट के व्यवसाय से जुड़े हुए जन सेवक है रवि नय्यर को पंजाबी कम्युनिटी और राजा पार्क क्षेत्र का ज्यादा फायदा मिलेगा।
उमर दराज तीन वार्डो से चार बार पार्षद रह चुके हैं और गौरतलब है कि रफीक खान की पिछले चुनाव में मात्र 12 000 वोटो से जीत रही है यदि उमर दराज इन वोटो पर सेंध डालते हैं तो इस सीट पर कांग्रेस की तस्वीर हार में उतर सकती है।
मालवीय नगर :
मालवीय नगर से कांग्रेस प्रत्याशी अर्चना शर्मा चुनावी मैदान में है तो भारतीय जनता पार्टी से कालीचरण सराफ उनके सामने है दोनों ही पुराने चावल है पिछले चुनावों से आमने-सामने मैदान में है। एक नजर डालें तो 2008 के चुनाव के बाद 2013 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के वोट बैंक में काफी बढ़त हुई है 2013 में जहां भाजपा 40000 से अधिक वोटो पर आगे थी वहीं 2018 में मात्र 1700 वोटो से आगे रही। दोनों ही प्रत्याशियों को इस सीट पर विजय के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ेगा
सिविल लाइंस :
सिविल लाइंस से भाजपा ने जन संघी और महानगर टाइम्स के संपादक गोपाल शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है।
यहां भाजपा से टिकट मांग रहे रावणा राजपूत समाज के रणजीत सिंह सोडाला ने निर्दलीय नामांकन भरकर भाजपा को तो मुश्किल में डाला ही है साथ ही कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास को भी चिंता की लकीरें दी है क्योंकि उनका भी राजपूत समाज का खासा वोट बैंक है। राजपूत करणी सेवा से संबंधित कीर्ति राठौड़ भी चुनावी मैदान में निर्दलीय के रूप में राजपूत वोटो पर सेंध मारेगी। और प्रताप सिंह खाचरियावास की मेयर मुनेश गुर्जर व अन्य कईं पार्षद भी मुश्किल पैदा कर सकते हैं।
हवामहल :
इसी तरह हवामहल से आम आदमी पार्टी के बैनर पर पप्पू कुरैशी ने पर्चा भर दिया है। इसकी वजह से कांग्रेस प्रत्याशी आरआर तिवाड़ी का भी चुनावी मैदान में संघर्ष बढ़ गया हैं,
किशनपोल :
जबकि परकोटा की हॉट सीट किशनपोल जिस पर भाजपा प्रत्याशी चंद्रमनोहर बटवाड़ा के सामने कांग्रेस प्रत्याशी अमीन कागजी है। इस पर मुस्लिम महासभा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष मुस्ताक अहमद ने निर्दलीय के तौर पर नामांकन भरकर कांग्रेस प्रत्याशी अमीन कागजी की मुश्किलें बढ़ा दी है। जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिलेगा।

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