दांतों में सेंसिटिविटी और पेन की शिकायत लेकर हमारे पास आधे से ज्यादा लोग थर्ड स्टेज में आते हैं थर्ड स्टेज की बीमारी दांतों की थोड़ी गंभीर बीमारी होती है।
उपरोक्त तथ्य प्रस्तुत करते हुए सतगुरु डेंटल एंड हेयर ट्रांसप्लांट क्लीनिक के वरिष्ठ दंत रोग विशेषज्ञ डॉ नीलेश सिंह ने कहा कि
दांतों की सेंसटिविटी और दर्द के मुख्य कारण और बचाव व उपचार के निम्नलिखित तरीके है।
दांतों की कैविटी : दांतों की कैविटी या डेंटल कैरीज के कारण दांतों की स्थिति बिगड़ सकती है, जिससे उनकी सेंसटिविटी बढ़ सकती है।
डॉ नीलेश सिंह ने कहा कि इसका मुख्य कारण गलत तकनीक से ब्रशिंग करना ज्यादा देर तक ब्रशिंग करना है, जिसकी वजह से दांत घिस जाते हैं। इसके अलावा बहुत से लोग दानेदार तंबाकू वाला दंत मंजन करते हैं जैसे निराला दंत मंजन, मुशाका गुल आदि इससे दांत खराब हो जाते हैं। उन्होंने यह सलाह दी कि दांत को सेंसटिविटी और दर्द से बचने के लिए सुबह से भी ज्यादा जरूरी है रात को ब्रश करके सोना। क्योंकि शयन की स्थिति में दातों में कैविटी बनने की ज्यादा संभावना होती है। उन्होंने कहा कि
दांतों को अल्ट्रा सॉफ्ट ब्रश से साफ करना चाहिए और दो-तीन मिनट से ज्यादा ब्रशिंग नहीं करनी चाहिए।
ब्रशिंग को सर्कुलर मोशन में करें।
यह गंदगी निकालने के लिए अति आवश्यक है।
यदि दांतों के मध्य भोजन फंसता हो उन्हें मोडिफाइड बास तकनीक व डेंटल फ्लॉस का इस्तेमाल करें। भोजन के तुरंत बाद ब्रशिंग नहीं करनी चाहिए। हां कुर्ला करके साफ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बार-बार मीठा नहीं खाना चाहिए। मिठास दांतो को खराब करती है। दांतों को स्वस्थ रखने के लिए फाइबर फूड लेंवे। सलाद और फ्रूट का जूस की अपेक्षाकृत डायरेक्ट सेवन करें। उन्होंने कहा कि इन उपायों को नहीं करने के बाद और करने के बाद भी भी जिन लोगों के दांतों में सेंसिटिविटी और पेन होता है उसका हमारे पास उपचार उपलब्ध है उसके लिए हम कैविटी फिलिंग करते हैं आरसीटी करते हैंआरसीटी के बाद कैप अवश्य लगवाएं ।बहुत से लोग टोपी नहीं लगवाते या लापरवाही कर जाते हैं जिससे मसाला निकल जाता है और दांतों के फ्रैक्चर होने का खतरा रहता है। उन्होंने कहा कि दातों की सुरक्षा के लिए सबसे अधिक जरूरी है उपचार से ज्यादा बचाव और बचाव के लिए अपने दंत चिकित्सक से 3 से 6 महीने की अवधि में नियमित डेंटल चेकअप अवश्य करावे।
संपर्क सूत्र डॉ निलेश सिंह मो 90246 29256