विशेष
चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
मध्यप्रदेश

भ्रष्टाचार और आदिवासियों पर अत्याचार के मुद्दे पर विधानसभा में मप्र सरकार को घेरेगी कांग्रेस

भोपाल। मंगलवार 11 जुलाई से प्रारंभ होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस भ्रष्टाचार और आदिवासियों पर अत्याचार के मुद्दे पर सरकार को घेरेगी। इसके लिए ध्यानाकर्षण सूचनाएं विधानसभा सचिवालय को दी जा चुकी हैं।

सोमवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के आवास पर विधायक दल की बैठक होगी। इसमें निर्धारित किया जाएगा कि किस विषय को किसी तरह उठाया जाना है। साथ ही विधायकों से मतदाता सूची के सत्यापन और बूथ प्रबंधन के संबंध में भी चर्चा की जाएगी।

उधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मंत्रियों के साथ सत्र की तैयारियों को लेकर बैठक कर ली है। मंत्रियों से कहा गया है कि वे कांग्रेस पक्ष की ओर से बिना आधार के लगाए जाने वाले आरोपों पर तथ्यों के साथ पलटवार करें।

प्रदेश विधानसभा के चुनाव नवंबर में प्रस्तावित हैं, इसलिए इस बार शीतकालीन सत्र नहीं होगा। मानसून सत्र ही 15वीं विधानसभा का अंतिम सत्र होगा, इसलिए कांग्रेस उन सभी मुद्दों को प्रमुखता के साथ उठाएगी, जिससे सरकार को घेरा जा सके।

इसमें श्रीमहाकाल महालोक में भ्रष्टाचार, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के साथ पिछले दिनों हुई घटनाएं, सतपुड़ा भवन में लगी आग और कानून व्यवस्था का मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाएगा। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह का कहना है कि सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है।

सदन में सभी मुद्दे उठाए जाएंगे। विधायक दल की बैठक में इन पर चर्चा की जाएगी। प्रदेश की आर्थिक स्थिति और आदिवासियों के साथ हो रही घटनाओं पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की जाएगी। उधर, सरकार ने भी कांग्रेस के हर आरोप पर पलटवार करने की तैयारी की है। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से कहा है कि पूरी आक्रामकता के साथ तथ्यों को सामने रखना है ताकि कांग्रेस का प्रदेशवासियों को भ्रमित करने का उद्देश्य पूरा न हो पाए।

होगी सर्वदलीय बैठक

उधर, विधानसभा का यह अंतिम सत्र सुचारू ढंग से संचालित हो सके, इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम सोमवार को सर्वदलीय बैठक करेंगे। कांग्रेस विधायक दल की बैठक होने के कारण यह देर शाम हो सकती है। इसमें सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष से सदन के संचालन में सहयोग करने की अपेक्षा के साथ उन मुद्दों पर सहमति बनाने का प्रयास होगा, जिन पर विपक्ष सदन में चर्चा कराना चाहता है।

Related Articles

Back to top button