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Sawan 2023: सावन माह में इन धार्मिक मान्यताओं के कारण नहीं काटते हैं बाल

Sawan 2023 । सावन माह को हिंदू धर्म में काफी पवित्र माह माना जाता है। भगवान भोलेनाथ के इस पसंदीदा माह में कई कार्य वर्जित होते हैं। सावन मास में मांस, मदिरा, हरी पत्तेदार सब्जियां, प्याज लहसुन का सेवन न करने की सलाह दी जाती है, साथ ही इस दौरान बाल कटवाने से भी मना किया जाता है। जानें आखिर क्या है इसके पीछे धार्मिक कारण –

4 जुलाई से शुरू हो गया सावन माह

सावन माह 4 जुलाई मंगलवार से शुरू हो गया है और इस दौरान भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भक्त विशेष पूजा अर्चना करते हैं। इस बार सावन महीना 59 दिन का रहने वाला है। अधिक मास के कारण सावन मास में 8 सोमवार आएंगे। ऐसे में इस दौरान अपने बाल कटवाने की गलती न करें।

बाल न कटवाने का कारण

सावन में बाल नहीं काटना एक धार्मिक मान्यता है, जिसका पालन सदियों से हिंदू धर्म में किया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि सदियों पहले जब पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षित उपकरण और कौशल का अभाव था तो ऐसे में बाल कटवाते समय चोट लगने या घाव होने का खतरा रहता था। सावन मास में बारिश बहुत होती थी। ऐसे में संक्रमण के जल्द ठीक नहीं होने की आशंका रहती थी। इस कारण सावन मास में बाल नहीं काटे जाते थे।

सावन में ऐसे करें बालों की देखभाल

सावन मास में यदि आप भी अपने बाल बाल नहीं कटवाते हैं तो दोमुंहे बालों और बालों के झड़ने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है तो हम यहां आपको कुछ आसान टिप्स बता रहे हैं –

– बारिश में भीगने के बाद बालों धोएं और हवा से बालों को सुखाना न भूलें।

– बारिश के मौसम में नहाने से 15 मिनट पहले नारियल तेल जरूर लगाएं।

– बालों को घना बनाने के लिए प्रोटीन, विटामिन ई और हेल्दी फैट से भरपूर आहार लें।

– बालों को सुलझाने के लिए मोटे दांतों वाली लकड़ी की कंघी का प्रयोग करें, इसके उपयोग से बाल ज्यादा टूटते नहीं है।

– बारिश में हल्दी और नीम के हेयर मास्क का उपयोग करने से भी बाल सेहतमंद व सुरक्षित होते हैं।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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