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गुप्त नवरात्रि में करें दुर्गा अष्टमी का व्रत सिद्ध होंगे मंत्र और पूरी होगी हर मनोकामना

 इन दिन गुप्त नवरात्रि चल रही है। इस बीच मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अष्टमी के दिन यानी आषाढ़ महीने में 26 जून को रखा जाएगा। नवरात्रि की वजह से इस दुर्गाष्टमी का महत्व बढ़ गया है। इस बार मासिक दुर्गाष्टमी और गुप्त नवरात्रि की अष्टमी एक साथ है, इसीलिए देवी की पूजा और आशीर्वाद का खास संयोग बन रहा है। मान्यता है कि इस दिन भक्ति भाव से माता की आराधना करने से सभी मंत्र सिद्ध हो जाते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दिन कन्या पूजन करना भी बहुत शुभ माना जाता है।

तिथि एवं शुभ मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि 25 जून को देर रात 12 बजकर 25 मिनट से शुरू होकर 27 जून को देर रात 02 बजकर 04 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मानी जाती है। अतः सोमवार 26 जून को दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी। गुप्त नवरात्रि के दौरान जगत जननी मां दुर्गा की पूजा निशिता काल में की जाती है। अतः साधक सिद्धि प्राप्ति हेतु मध्य रात्रि में देवी मां की पूजा करते हैं। सामान्य साधक स्नान-ध्यान के पश्चात मां दुर्गा की पूजा-उपासना कर सकते हैं।

कैसे रखें व्रत?

दुर्गाष्टमी का व्रत 26 जून को सोमवार के दिन सुबह 4 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगा और 27 जून, मंगलवार को सुबह 4 बजे समाप्त होगा। व्रत वाले दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान-ध्यान कर पूजा घर को साफ-सुथरा करें। फिर मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर का विधि-विधान और श्रद्धा के साथ पूजन करें। इस दिन के माता महागौरी रूप की पूजा की जाती है। मां को लाल चुनरी और श्रृंगार चढ़ाना चाहिए। पूजा में लौंग, सुपारी, पान, नारियल, धूप,दीप,फूल, मेवा और सफेद बर्फी जरूर रखें। आरती के साथ पूजा का समापन करें। इस दिन दुर्गा चालीसा और सप्तशती का पाठ करना काफी लाभकारी माना जाता है।

डिसक्लेमर

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