भगवान को भोग लगाते समय इन बातों का रखें ध्यान जानिए मंत्र और पूजा नियम
हर घर में पूजा घर जरूर होता है। सभी भगवान की सेवा करते हैं, उनकी पूजा करते हैं और भोग लगाते हैं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। भगवान की पूजा करने के बाद भोग लगाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। कई बार कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिससे भगवान नाराज हो जाते हैं। जाने-अनजाने में हम कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिसका नकारात्मक प्रभाव हमारे घर में होता है। आज हम आपको भगवान को भोग लगाने के कुछ नियम, मंत्र और पूजा टिप्स बताने जा रहे हैं। इससे भगवान प्रसन्न रहेंगे और आपके घर में खुशियां आएंगी।
इस तरह भोग लगाएं
हर देवी-देवता को अलग-अलग तरह का भोग लगाया जाता है। जानकारी न होने की वजह से कई बार लोग गलत चीज का भोग लगा देते हैं। भगवान विष्णु को खीर या सूजी का हलवा प्रिय है। ऐसे में इस भोग पर तुलसी का पत्ता रखकर ही भगवान को भोग लगाना चाहिए। वहीं मां लक्ष्मी को भी ये भोग काफी प्रिय है। वहीं भगवान शिव को भांग, धतुरा, पंचामृत प्रिय होता है। इसके साथ ही भोले बाबा को मीठा भोग भी पसंद होता है। माता पार्वती को खीर का भोग प्रिय है।
सात्विक भोग
भगवान को चढ़ाया जाने वाला भोग सात्विक और पवित्र होना चाहिए। भगवान को चढ़ाए जाने वाले भोग को तैयार करते समय किचन के साथ-साथ खुद की सफाई का ध्यान भी रखना जरूरी है। हमेशा सन्ना करने के बाद साफ कपड़े पहनकर ही भगवान की सेवा करें।
जूठा भोग
भगवान को कभी भी जूठा भोग नहीं लगाना चाहिए। प्रसाद को चखने के बाद भूलकर भी उसे भगवान को न चढ़ाएं। भगवान के लिए पहले ही अलग से भोग निकाल कर रख दें। इसके बाद इस भोग को आपस में वितरित कर लेना चाहिए
इस मंत्र का करें उच्चारण
अक्सर लोग भगवान को भोग लगाते समय कुछ नहीं बोलते हैं, उन्हें पता नहीं होता कि भोग चढ़ाते समय क्या बोलना है। दरअसल इसके लिए भी एक मंत्र दिया गया है, जिसका उच्चारण भोग लगाते समय करना चाहिए।
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर।।
इल मंत्र का अर्थ है कि हे ईश्वर मेरे पास जो भी है आपका ही दिया हुआ है। मैं आपका दिया हुआ आपको ही समर्पित करता हूं। कृपा करके इसे स्वीकार करें और मुझ पर कृपा करें।
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