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आषाढ़ अमावस्या पर शनि बनाएंगे विशेष योग इन राशियों का खुलेगा नसीब

वैदिक ज्योतिष में अमावस्या की तिथि महत्वपूर्ण मानी गई है। इस दिन पितरों की शांति के लिए किया गया दान और तर्पण शुभ माना जाता है। आषाढ़ मास की अमावस्या का दिन बहुत खास माना गया है। यह हिंदू वर्ष का चौथा महीना होता है। इस बार आषाढ़ अमावस्या 18 जून को पड़ रही है। इस दिन पवित्र नदियों और धार्मिक स्थलों पर स्नान करने का महत्व है।

– अमावस्या आरंभ 17 जून 2023 को सुबह 09.13 मिनट पर।

– अमावस्था की समाप्ति 18 जून 2023 को सुबह 10.08 मिनट पर होगी।

आषाढ़ अमावस्या का महत्व

आषाढ़ अमावस्या पर शुभ योग

आषाढ़ अमावस्या शनिवार से शुरू होगी। इस दिन शनि के कुंभ राशि में वक्री होने से केंद्र त्रिकोण राजयोग और शश राजयोग बनेगा।

मेष राशि

शनि के कुंभ राशि में आने से मेष वालों पर कृपा बरसेगी। इस दौरान करियर में लाभ मिलेंगे और मेहनत का फल मिलेगा। स्वास्थ्य को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। शनि को न्याय का देवता कहा जाता है। इसलिए इस समय आप जमकर मेहनत करते रहें।

वृष राशि

केंद्र त्रिकोण योग वृष राशिवालों के लिए बहुत शुभ साबित होगा। इस योग के प्रभाव से आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। दांपत्य जीवन में खुशियां बनी रहेंगी। परिजनों के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा।

सिंह राशि

शनि वक्री होकर सिंह राशि में शश राजयोग बनाएगा। इस योग के प्रभाव से कई तरह के लाभ प्राप्त होंगे। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। जीवनसाथी का सहयोग आपको हर काम में मिलेगा।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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