देश में अब सबसे अधिक टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश में नौरादेही सातवां बना
भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित नौरादेही अभयारण्य को टाइगर रिजर्व का दर्जा दे दिया गया है। राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड की सहमति के बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने नौरादेही को टाइगर रिजर्व की सूची में शामिल कर लिया है, अब राज्य सरकार को अधिसूचना जारी करनी है, जो इसी माह जारी होने की उम्मीद है।
नौरादेही को मिलाकर मध्य प्रदेश में देश के सबसे अधिक सात टाइगर रिजर्व हो जाएंगे। वर्तमान में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में छह-छह रिजर्व हैं। जबकि दूसरे नंबर पर कर्नाटक है, जहां पांच टाइगर रिजर्व हैं, ऐसे ही राजस्थान में चार हैं।
देश के सबसे अधिक 526 बाघ मध्य प्रदेश में हैं, जिनकी संख्या बढ़कर सात सौ तक जाने की उम्मीद वनाधिकारियों ने जताई है। यह आंकड़ा 19 जुलाई को सामने आएगा।
दरअसल, इसी दिन भारत सरकार बाघों की गिनती के राज्यवार आंकड़े जारी कर रही है। बाघ आकलन-2022 के अंतर्गत नवंबर 2021 से अक्टूबर 2022 तक प्रदेश के संरक्षित और गैर संरक्षित वन क्षेत्रों में बाघ गिने गए हैं। इससे ही अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रदेश में बाघ बढ़ रहे हैं।
इसे देखते हुए पहले से ही नए संरक्षित क्षेत्रों के गठन और अपग्रेड करने की तैयारी चल रही है। नौरादेही अभयारण्य का चीता परियोजना के लिए भी चयन हुआ है और इसमें वर्तमान में 16 बाघ भी हैं। इसलिए इसे टाइगर रिजर्व का दर्जा देने पर जोर रहा। बता दें कि देश में वर्तमान में 54 टाइगर रिजर्व हैं।
रातापानी पर राजनीति
भोपाल के करीब रातापानी अभयारण्य को भी टाइगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव लंबे समय से चल रहा है। यहां बाघ भी 60 से अधिक हैं, पर राजनीतिक कारणों से निर्णय नहीं हो पा रहा है। वर्ष 2012 में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इसे टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया था, पर राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी नहीं की, बाद में मामला उठा तो सरकार ने कह दिया कि वह इसे टाइगर रिजर्व बनाने के लिए सहमत नहीं है। दरअसल, इस क्षेत्र में कई नेताओं के स्टोन क्रशर संचालित हैं। इसलिए अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने पर एक राय नहीं बन पा रही है।
वर्तमान में राज्यों में टाइगर रिजर्व की संख्या
राज्य — टाइगर रिजर्व की संख्या
मध्य प्रदेश — छह
महाराष्ट्र — छह
कर्नाटक — पांच
तमिलनाडु — पांच
असम — चार
राजस्थान — चार
छत्तीसगढ़ — चार