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मध्यप्रदेश

फलों के राजा आम में रत्नागिरी से आने वाले हापुस की डिमांड ज्यादा

 जबलपुर। गर्मी का सीजन शुरू होने के साथ ही बाजार में आम की डिमांड और सप्लाई दोनों बढ़ गई है। हापुस आम की आवक इस बार शहर में अच्छी है। गर्मी शुरू होती है,तो वैसे ही एक फल जो सबसे जल्दी आने लगता है वो और कोई नहीं बल्कि फलों का राजा आम है। आम बाजार में आता है,तो अपनी तमाम किस्म और स्वादों से जी को ललचाने लगता है। आम का शाही पीलापन बाकी सभी फलों को फीका कर देता है।

फलों का राजा आम सबसे खास

आम को फलों का राजा कहा जाता है और उनमें भी सबसे खास होता है अल्फांसो यानी हापुस आम। इन दिनों बाजार में 2 तरह के हापुस आम है, रत्नागिरी वाले और साउथ वाले। इनमें रत्नागिरी वाले हापुस आम को बेस्ट माना जाता है। इसके अलावा बाजार में आम की अन्य व्हेरायटी जैसे बेगनपली, दशहरी, लंगड़े, सिंदूरी, केसर आम भी आ गए हैं।

प्रमाणिकता की पुष्टि के लिए जीआइ टैग का इस्तेमाल

फल व्यापारी अंकित गुप्ता का कहना है कि महाराष्ट्र के रत्नागिरी से आने वाला आम दर्जन में बिकता है। वहीं साउथ से आने वाला हापुस आम किलो के हिसाब से उपलब्ध है।रत्नागिरी के आम थोक बाजार में 700 से 800 रूपए दर्जन बिक रहे हैं। वहीं साउथ से आए हापुस आम की कीमत 100 से 150 रुपए किलो है। इसमें प्रमाणिकता की पुष्टि के लिए जीआइ टैग का इस्तेमाल होता है। असली हापुस को उसकी बनावट से पहचाना जा सकता है।

मार्केट में नकली हापुस आम भी

10 दिनों बाद सिकुड़ जाता है, लेकिन सड़ता नहीं है। स्वाद में मीठा होता है,जबकि अन्य जगहों से आने आम में बहुत ज्यादा मिठास नहीं होती है।असली हापुस की पहचन सुगंध से की जा सकती है। इसकी खुशबु तेज होती है। हापुस आम के टाप पर रेडिश कलर के साथ बाहरी रंग चमकदार सुनहरा होता है। जबकि अंदर का रंग केसरिया पीला होता है।

देश के अलग अलग राज्यों से आते हैं आम

आढ़तियों का कहना है कि आम की बहुत सारी किस्में मार्केट में आई हैं। सफेदा के बाद दशहरी की मांग अधिक है। सफेदा या बादाम और पैरी आम आंध्र प्रदेश से आते हैं। हापुस की सप्लाई महाराष्ट्र और साउथ से होती है। दशहरी, चौसा, लंगड़ा, रत्नागिरी, केसरिया लालपत्ता गुजरात और कलमी और लाल बाग की आवक यूपी से होती है।

पिछले वर्ष की तुलना में गिरे दाम

लंगड़ा जहां पिछले साल 6 से 65 प्रति किलो के थोक भाव में मिल रहा था, वहीं अब यह 25 से 30 किलो के थोक भाव में मिल रहा है। बैंगन फली, सफेदा, बादाम किस्म की कीमत पिछले साल 65 से 70 किलो थी। इस बार थोक मार्केट में सफेदा 25 से 30, केसर 20-30 और दशहरी 20 से 28 किलो बिक रहा है। साउथ का हापुस आम जहां पिछले साल 250 से 300 किलो तक के थोक भाव में मिल रहा था, वहीं अब इसके दाम 130-140 किलो हैं। वहीं किलो के आधार पर बात करें तो रत्नागिरी का आम पिछले साल 800 से 900 किलो बिक रहा था। इस बार कीमत 700 से 800 किलो के बीच है।

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