त्वचा रोग “सोरायसिस” : एक आम रोग लेकिन उपेक्षित समस्या
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त्वचा रोग “सोरायसिस” : एक आम रोग लेकिन उपेक्षित समस्या
डॉ. दिनेश माथुर, वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ
हमारी त्वचा सिर्फ शरीर का आवरण नहीं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य का आईना भी है। कई बार यह हमें अंदरूनी गड़बड़ियों के संकेत देती है।
ऐसा ही एक जटिल लेकिन इलाज योग्य त्वचा रोग है — सोरायसिस (Psoriasis)। यह रोग लाखों भारतीयों को प्रभावित करता है, परंतु इसके बारे में जानकारी का अभाव आज भी है।
क्या है सोरायसिस ?
सोरायसिस एक दीर्घकालिक (chronic), पुनरावृत्त (relapsing) त्वचा रोग है जिसमें त्वचा की कोशिकाएँ सामान्य से बहुत तेजी से बनती हैं। इससे त्वचा पर मोटे, सूखे, खुजली वाले, लाल रंग के चकत्ते (plaques) उभरते हैं, जिन पर चांदी जैसे सफेद छिलके होते हैं।
सोरायसिस के प्रमुख कारण
इस रोग का स्पष्ट कारण ज्ञात नहीं है, लेकिन यह निम्नलिखित से जुड़ा पाया गया है :
प्रतिरक्षा तंत्र की गड़बड़ी (Autoimmune response): शरीर की रोग प्रतिरोधक कोशिकाएं त्वचा की सामान्य कोशिकाओं पर हमला करने लगती हैं।
आनुवांशिकता (Genetics) : परिवार में किसी को होने पर खतरा बढ़ जाता है।
तनाव (Stress), संक्रमण, त्वचा पर चोट, अत्यधिक धूम्रपान या शराब, कुछ दवाएं (जैसे बीटा-ब्लॉकर्स, लिथियम) भी रोग को उभार सकती हैं।
प्रमुख लक्षण निम्न हैं :
कोहनी, घुटनों, खोपड़ी, पीठ आदि पर लाल चकत्ते जिन पर छिलके होते हैं
खुजली, जलन या खिंचाव का अनुभव
नाखूनों में गड्ढे या उनका मोटा हो जाना
कभी-कभी जोड़ दर्द भी (Psoriatic Arthritis)
सोरायसिस अनेक प्रकार के होते हैं :
1. प्लाक सोरायसिस – सबसे सामान्य रूप, मोटे लाल चकत्ते
2. गट्टेट सोरायसिस – बच्चों या युवाओं में छोटे-छोटे दाने
3. इंवर्स सोरायसिस – कांख, जांघों के पास
4. पस्चुलर सोरायसिस – मवाद भरे दाने
5. एरिथ्रोडर्मिक सोरायसिस – संपूर्ण शरीर लाल, जलता हुआ, यह गंभीर स्थिति होती है
डॉ माथुर ने कहा कि यह रोग छूने, साथ रहने या खाना साझा करने से नहीं फैलता। यह एक ग़लतफहमी है जिससे रोगियों को सामाजिक तिरस्कार झेलना पड़ता है।
उपचार के अनेक विकल्प
सोरायसिस का अभी तक पूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन उपचार से लक्षणों पर नियंत्रण और जीवन की गुणवत्ता में सुधार संभव है।
1. स्थानिक उपचार (Topical Treatment):
मॉइस्चराइज़र – त्वचा को नम बनाए रखते हैं
कोर्टिकोस्टेरॉइड्स – सूजन और खुजली कम करते हैं
विटामिन D3 एनालॉग्स – त्वचा कोशिका उत्पादन को संतुलित करते हैं
कोलतार और सैलिसिलिक एसिड युक्त मलहम
2. प्रकाश चिकित्सा (Phototherapy) : UVB Therapy और PUVA Therapy — नियंत्रित पराबैंगनी किरणों से त्वचा पर असर
3. सिस्टमिक दवाएं (गोलियाँ या इंजेक्शन) : मेथोट्रेक्सेट, एसिट्रेटिन, साइक्लोस्पोरिन – गंभीर मामलों में
बायोलॉजिक्स (Biologics) – हाल ही में आए इंजेक्शन आधारित आधुनिक उपचार जो प्रतिरक्षा तंत्र पर कार्य करते हैं जैसे: Adalimumab, Secukinumab, Ixekizumab आदि
4. नई खोजें व उपलब्ध दवाएं :
Apremilast (गोलियों के रूप में उपलब्ध) – हल्के से मध्यम सोरायसिस के लिए एक प्रभावी और सुरक्षित दवा
JAK inhibitors – नई उभरती तकनीक पर आधारित दवाएं, परीक्षण जारी
जीवनशैली में परिवर्तन से राहत
तनाव कम करना (योग, ध्यान आदि)
त्वचा को बार-बार मॉइस्चराइज़ करना
धूप से कुछ हद तक लाभ, लेकिन डॉक्टर की सलाह से
शराब और धूम्रपान से दूरी
संतुलित आहार व पर्याप्त नींद
सोरायसिस को कलंक न समझें। यह एक चिकित्सा-योग्य रोग है। जिसने भी जितनी जल्दी पहचान और उपचार लेना शुरू किया , उसका रोग पर उतना ही बेहतर नियंत्रण संभव हुआ। समाज में इस रोग के प्रति सहानुभूति, समझ और सहयोग की आवश्यकता है।
संपर्क सूत्र :, डॉ दिनेश माथुर मो 98290 61176