गर्मियों में बढ़ता दाद और एक्जिमा का खतरा: लापरवाही पड़ सकती है भारी
गर्मियों में बढ़ता दाद और एक्जिमा का खतरा : लापरवाही पड़ सकती है भारी
गर्मियों के आते ही त्वचा संबंधी रोगों, खासकर दाद (रिंगवर्म) और एक्जिमा जैसी समस्याओं का प्रकोप बढ़ने लगता है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. राम सिंह मीणा बताते हैं कि इस मौसम में नमी और पसीने के कारण त्वचा पर फफूंद (फंगस) का संक्रमण तेज़ी से फैलता है।
कैसे होता है दाद ?
दाद मुख्यतः डर्मेटोफाइट्स और यीस्ट नामक फफूंद से होता है, जो मृत केराटिन (त्वचा, बाल और नाखूनों में पाया जाने वाला प्रोटीन) पर पनपता है। यह संक्रमण शरीर के उन हिस्सों में ज्यादा होता है, जहां नमी बनी रहती है — जैसे पैरों की उंगलियों के बीच, एड़ी, नाखून, जननांग, स्तनों के नीचे आदि।
डॉ. मीणा बताते हैं कि कुछ फंगस शरीर के लिए सहायक होते हैं, लेकिन हानिकारक फंगस त्वचा में खुजली, जलन और लाल चकत्ते (पैच) पैदा कर सकता है। ये चकत्ते अक्सर गोलाकार, उभरे हुए होते हैं और धीरे-धीरे बड़े होने लगते हैं।
एक्जिमा: खुजली से शुरू होकर घाव तक पहुंच सकता है
एक्जिमा भी गर्मियों में आम समस्या बन जाती है। इसमें त्वचा पर खुजली, सूजन, लालिमा और कभी-कभी फटी हुई त्वचा दिखाई देती है। बार-बार खुजली करने से त्वचा पर घाव हो सकते हैं, जिससे बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
लापरवाही हो सकती है खतरनाक
डॉ. मीणा चेतावनी देते हैं कि इन बीमारियों को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है। संक्रमित त्वचा के कटने या फटने से बैक्टीरिया गहराई तक पहुंचकर सेल्युलाइटिस, सेप्सिस जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। खासकर मधुमेह (डायबिटीज) के मरीजों में यह और खतरनाक साबित हो सकता है।
उपचार और बचाव के उपाय
1. त्वचा को सूखा और साफ रखें – नमी फंगस का मुख्य कारण है, इसलिए नहाने के बाद शरीर को अच्छी तरह से सुखाएं।
2. संक्रमित वस्त्र न पहनें – गीले कपड़े, तौलिए या जूते दोबारा उपयोग करने से बचें।
3. ओरल एंटीफंगल दवाएं और क्रीम – डॉक्टर की सलाह से एंटीफंगल क्रीम, पाउडर या टैबलेट का इस्तेमाल करें।
4. खुजली न करें – खुजली करने से संक्रमण फैल सकता है और घाव बन सकते हैं।
5. संक्रमण बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें – लापरवाही से संक्रमण पुराना और जिद्दी हो सकता है, जो इलाज के प्रति रिज़िस्टेंट (प्रतिरोधी) भी हो सकता है।
“दाद और एक्जिमा जैसी बीमारियां शुरुआती स्तर पर काबू की जा सकती हैं, लेकिन देरी होने पर संक्रमण गहराई तक पहुंच जाता है और इलाज लंबा चल सकता है। इसलिए खुद से दवा लेने की जगह विशेषज्ञ से तुरंत सलाह लें।”
स्वास्थ्य की अनदेखी न करें — गर्मियों में स्वस्थ त्वचा के लिए साफ-सफाई, सूखे कपड़े और चिकित्सकीय सलाह अनिवार्य है।
संपर्क सूत्र:
डॉ. राम सिंह मीणा
चर्म रोग विशेषज्ञ, एसएमएस मेडिकल कॉलेज
मोबाइल: 98291 77003