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सीआईआई राजस्थान एनुअल सेशन : 2030 तक राजस्थान को 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में बड़ा कदम
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सीआईआई राजस्थान एनुअल सेशन : 2030 तक राजस्थान को 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में बड़ा कदम
“राजस्थान में निवेश के अपार अवसर उपलब्ध हैं, यह सही समय है जब उद्योग जगत को राज्य की आर्थिक विकास यात्रा का हिस्सा बनना चाहिए।”
— कृष्ण कुमार के.के. विश्नोई, उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री, राजस्थान सरकार
राजस्थान : आर्थिक विकास की नई उड़ान
जयपुर, 27 फरवरी। राजस्थान की अर्थव्यवस्था अभूतपूर्व विकास की ओर बढ़ रही है। वर्ष 2024-25 में राज्य की अनुमानित जीडीपी वृद्धि दर 12.02% है, जो भारत की 7.2% की औसत वृद्धि दर से कहीं अधिक है। पर्यटन, खनन, लॉजिस्टिक्स, अक्षय ऊर्जा और औद्योगिक विकास जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाओं के साथ, राजस्थान 2030 तक 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है।
इस विजन को गति देने के लिए सीआईआई राजस्थान एनुअल सेशन में एक उच्चस्तरीय कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और उद्योग जगत के दिग्गजों ने भाग लिया। राजस्थान सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य, युवा मामले एवं खेल, कौशल, उद्यमिता राज्य मंत्री श्री कृष्ण कुमार के.के. विश्नोई ने अपने मुख्य संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत @2047” के विजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि राजस्थान इस मिशन में अग्रणी भूमिका निभाएगा और भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ाएगा।
राजस्थान : निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल
प्रमुख सचिव- उद्योग एवं चेयरमैन, रीको लिमिटेड, श्री अजिताभ शर्मा ने राज्य में निवेश बढ़ाने और प्रक्रियाओं को सरल बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी निवेश नीति को आवश्यकता, वैधता और आनुपातिकता के सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिए ताकि यह उद्योगों के लिए लाभकारी सिद्ध हो। उन्होंने निवेशकों को आश्वस्त किया कि सरकार एक फेसिलिटेटर के रूप में कार्य कर रही है और व्यापार-अनुकूल माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
पर्यटन : राजस्थान की अर्थव्यवस्था का आधार
राजस्थान सरकार के पर्यटन सचिव, श्री रवि जैन ने कहा कि राजस्थान का पर्यटन क्षेत्र निवेशकों के लिए सबसे आकर्षक है। उन्होंने बताया कि हाल ही में संपन्न राइजिंग राजस्थान समिट में पर्यटन क्षेत्र में सबसे अधिक 1,400 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए, जो राज्य के विकास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाते हैं।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राजस्थान जल्द ही आईफा अवॉर्ड्स जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय आयोजन की मेजबानी करने जा रहा है। यह जयपुर के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा, क्योंकि मुंबई के बाद जयपुर ही एकमात्र भारतीय शहर है जो इस आयोजन की मेजबानी करेगा।
उद्योग और स्टार्टअप्स : नई आर्थिक शक्ति
सीआईआई नॉर्दर्न रीजन के चेयरमैन और जेके सीमेंट लिमिटेड के संयुक्त प्रबंध निदेशक एवं सीईओ, श्री माधव सिंघानिया ने कहा कि किसी भी राज्य की आर्थिक प्रगति में निवेश महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्यों को खपत-आधारित अर्थव्यवस्था से उत्पादन और सेवा-उन्मुख मॉडल की ओर बढ़ना चाहिए।
उन्होंने उद्योगों और स्टार्टअप्स के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया और कहा कि राजस्थान की आर्थिक वृद्धि को तेज करने के लिए पारंपरिक उद्योगों और नवाचार आधारित स्टार्टअप्स के बीच मजबूत कनेक्टिविटी आवश्यक है।
खनन और प्राकृतिक संसाधनों का कुशल उपयोग
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और वेदांता लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक, श्री अरुण मिश्रा ने राजस्थान में खनन क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं के लिए खनन क्षेत्र में अधिक अवसर उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल दिया।
इसके अलावा, उन्होंने राजस्थान के जल संकट के स्थायी समाधान के लिए एक नवाचार प्रस्तावित किया, जिसमें पुराने खनन स्थलों को जलाशयों में बदलकर गर्मियों के दौरान जल संकट से बचाव करने की बात कही गई।
वित्तीय क्षेत्र और पूंजी का सही उपयोग
एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के संस्थापक और प्रबंध निदेशक, श्री संजय अग्रवाल ने ‘रीयल कैपिटल’ के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि आने वाले 25 वर्षों में सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए बैलेंस शीट पर ‘लिक्विड कैपिटल’ बनाए रखना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में निवेश के लिए पूंजी की कोई कमी नहीं है, लेकिन उद्योगों को सही वित्तीय स्रोत का चयन बुद्धिमानी से करना होगा ताकि वे दीर्घकालिक सफलता प्राप्त कर सकें।
एमएसएमई और डिजिटल परिवर्तन
पार्टनर- अफ्रीका इंडिया मिडिल ईस्ट (एआईएम), कंसल्टिंग अर्न्स्ट एंड यंग एलएलपी, श्री शोभित माथुर ने एमएसएमई क्षेत्र के भविष्य को आकार देने वाले तीन प्रमुख ट्रेंड्स पर प्रकाश डाला :
1. डिजिटलीकरण और ई-कॉमर्स का प्रभाव
2. वैश्विक भू-राजनीति (जियोपॉलिटिक्स) का निवेश पर प्रभाव
3. सस्टेनेबिलिटी और ईएसजी (एनवायरनमेंटल, सोशल एंड गवर्नेंस) के बढ़ते महत्व
उन्होंने कहा कि राजस्थान का एमएसएमई सेक्टर डिजिटलीकरण को अपनाकर और सस्टेनेबल बिजनेस मॉडल विकसित करके वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकता है।
2030 तक 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का रोडमैप
सीआईआई पैनल ऑन एनर्जी, रिन्यूएबल एनर्जी और वाटर के संयोजक एवं सिक्योर मीटर्स लिमिटेड के ग्रुप सीईओ, श्री सुकेत सिंघल ने कहा कि राजस्थान वर्तमान में 210 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है, और अगले 5 वर्षों में 10% वार्षिक वृद्धि दर के साथ 2030 तक 350 बिलियन डॉलर के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान की औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता, मजबूत बुनियादी ढांचा और कुशल वर्कफोर्स इसे भारत के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में बनाएंगे।
राजस्थान सरकार और उद्योग जगत के बीच यह सहयोग राज्य को निवेश और औद्योगिक विकास का प्रमुख केंद्र बनाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत @2047” मिशन को साकार करने में राजस्थान की भूमिका अहम होगी।
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इस अवसर पर राजस्थान को 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने संबंधी रिपोर्ट और सीआईआई राजस्थान एनुअल रिपोर्ट 2024-25 भी जारी की गई।
इस अवसर पर रीको लिमिटेड की प्रबंध निदेशक, शिवांगी स्वर्णकार; सीआईआई राजस्थान के वरिष्ठ निदेशक एवं हेड, नितिन गुप्ता और सीआईआई नॉर्दन रीजन के क्षेत्रीय निदेशक, प्रशांत एएन भी उपस्थित थे।