अभिव्यक्ति
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सोच बदलनी होगी अस्पताल जेल और शमशान ही असल अनुभूति देते है
सोच बदलनी होगी अस्पताल जेल और शमशान ही असल अनुभूति देते है यह तीनों जगहें ऐसी हैं जहां कुछ समय मनुष्य को यथार्थ का पता चलता है, उड़ने का ख्वाब उड़ जाता है। अपने को असहाय और भगवान को ही कर्ताधर्ता मानता है! सोच बदलनी होगी जीवन का वास्तविक सत्य है क्या ! 45000 करोड़ की संपत्ति रखने वाले राकेश…
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क्या पाप पुण्य का विचार केवल तीये की बैठक तक वो “मतलब की दुकान। एक दूजे से मिलने की चौपाल
पाप पुण्य का विचार केवल तीये की बैठक तक वो “मतलब की दुकान। एक दूजे से मिलने की चौपाल सोच बदलनी होगी शर्मनाक है तीये की बैठक में लोग अपना नाम बुलवाने के लिए सेट मैटर की बनी चिट्ठियां भेजते हैं। जिंदा लोगों को ठगने वाले कीर्तिलोभी लोग दिवंगत व्यक्ति के साथ भी मजाक करते हैं। इससे भी घिनौने लोग…
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धूम्रपान यानि उम्रपान : डॉ तुषार जगावत
31 मई विश्व तम्बाकू निषेध दिवस धूम्रपान यानि उम्रपान यह बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, गुटखा, जर्दे की दुकान। यहाँ मीठा जहर है, रंग बिरंगा कफन का सामान ।। एक नहीं, दो नहीं, ये तो कई बिमारियों की खान। घट रही जिन्दगी, ये धूम्रपान नहीं ये तो उम्रपान ।। रावण के रूप में घुस रहा है यह तम्बाकू। तन-मन और धन को…
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पैसा कितना जरूरी : धन जीवन में बहुत कुछ है, परंतु सब कुछ नहीं
सोच बदलनी होगी पैसा कितना जरूरी धन जीवन में बहुत कुछ है, परंतु सब कुछ नहीं पैसे की अहमियत अत्यंत है शास्त्र गवाह है पैसे राज पाट के लिए राजाओं में परस्पर युद्ध होते आए है। वर्चस्व की लड़ाई में भी पैसा चाहिए। हर एक काम के लिए पैसे रोटी कपड़ा और मकान। यहां तक कि पीने के पानी के…
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तुम क्या जानों ड्राईवर की औकात क्या ? सोच बदलनी होगी
तुम क्या जानों ड्राईवर की औकात क्या ? उसकी औकात से ही हो आप सुरक्षित सोच बदलनी होगी ड्राइवर को हल्के में न लें ड्राईवर व गाड़ी दोनों एक दुसरे के बिना अधूरे है, ड्राईवरों के मुख से सुनी बात है कि हम 37 वीं कोम में आते है क्योंकि हम बिना किसी जाति-पाति, भेदभाव न रखते हुये आपस में…
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सोचना पड़ेगा ही। सोचो नया साल कौनसा। new year which ?
” सोचो नया साल कौनसा न ऋतु बदली… न कक्षा बदली… न सत्र, न फसल बदली… न खेती, न पेड़ पौधों की रंगत, न सूर्य चाँद सितारों की दिशा, ना ही नक्षत्र। सोच बदलनी होगी नया केवल एक दिन ही नहीं कुछ दिन तो नई अनुभूति होनी ही चाहिए। इस 1 जनवरी के बाद तारीख के अलावा कुछ बदलता नहीं।…
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सोच बदलनी होगी रिसोर्ट _ में _ विवाह का ट्रेंड _बदलती नई सोच की तस्वीर ?
सोच बदलनी होगी रिसोर्ट _ में _ विवाह का ट्रेंड _बदलती नई सोच की तस्वीर ?_ कुछ साल पहले तक घर के अंदर चौक में शादियां होती थी फिर घर के बाहर सड़क पर टेंट लगा कर होने लगी। उसके बाद शहर के अंदर मैरिज हॉल में शादियाँ होने लगी अब यह दौर भी समाप्ति की ओर है। सोच बदलती…
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मनुष्य जन्म हुआ है समूह में रहने के लिए परिवारों को विघटित न होने दें
नम आंखों से छोटे भाई विजय शर्मा को याद करते हुए विचार व्यक्त किए राजेश शांडिल्य ने शिव टूर एंड ट्रेवल्स के संस्थापक थे विजय शर्मा। जिनका कोरोना काल में असामयिक देहांत हो गया था। उनको नम आंखों से याद करते हुए उनके बड़े भाई राजेश शांडिल्य ने कहा कि शिव टूर एंड ट्रेवल्स की स्थापना मेरे छोटे भाई ने…
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ऐसे कैसे निपटेंगे भुखमरी की समस्या से इसके लिए सोच बदलनी होगी
ऐसे कैसे निपटेंगे भुखमरी की समस्या से इसके लिए सोच बदलनी होगी सरकारी अनुदान से योजना संचालित है कोई भूखा न सोए, इंदिरा रसोई भी इसी क्रम में निर्धनों को भरपेट भोजन प्रदान कर रही है तो समाज सेवी भी पीछे नहीं रहते। सोच बदलनी होगी ….. दूसरी तरफ भोजन की बर्बादी भी खूब की जा रही है।…
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आज की स्थिति बदहाल बहुत है
*अच्छी थी पगडंडी अपनी।* *सड़कों पर तो जाम बहुत है।।* *फुर्र हो गई फुर्सत अब तो।* *सबके पास काम बहुत है।।* *नहीं जरूरत बुज़ुर्गों की अब।* *हर बच्चा बुद्धिमान बहुत है।।* *उजड़ गए सब बाग बगीचे।* *दो गमलों में शान बहुत है।।* *मट्ठा, दही नहीं खाते हैं।* *कहते हैं ज़ुकाम बहुत है।।* *पीते हैं जब चाय तब कहीं।* *कहते हैं…
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