विशेष
चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।

अभिव्यक्ति

  • वैलेंटाइन डे : प्रेम का सही अर्थ समझने की जरूरत

    वैलेंटाइन डे : प्रेम का सही अर्थ समझने की जरूरत आज की युवा पीढ़ी जिस तरह से वैलेंटाइन डे को मना रही है, वह कहीं न कहीं हमारी संस्कृति और संस्कारों में गिरावट का संकेत है। प्रेम के इस पर्व को नशे और भौतिक सुखों में डूबकर मनाना निश्चित रूप से चिंता का विषय है। सोचो प्रेम : केवल वासना…

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  • लिव-इन रिलेशनशिप: एक बदलती सामाजिक प्रवृत्ति और नैतिक मूल्यों का सवाल

    लिव-इन रिलेशनशिप : एक बदलती सामाजिक प्रवृत्ति और नैतिक मूल्यों का सवाल आज के बदलते समाज में पारिवारिक ढांचे और नैतिक मूल्यों में गिरावट देखी जा रही है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बदलती जीवनशैली और परिवारों के विघटन ने समाज में नैतिकता को गहरा आघात पहुंचाया है। छोटे परिवारों में आपसी मोह…

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  • डॉ. दयाराम स्वामी: संघर्ष से सफलता तक की प्रेरणादायक यात्रा

    डॉ. दयाराम स्वामी: संघर्ष से सफलता तक की प्रेरणादायक यात्रा प्रारंभिक जीवन और संघर्ष 1. प्रश्न: डॉ. स्वामी, आपका शुरुआती जीवन कैसा था और किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा? उत्तर: मेरा जन्म नागौर जिले के एक छोटे से गांव खुड़ी में 19 दिसंबर 1957 में हुआ, जहां शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित थीं। मेरे माता-पिता ने मुझे गुरु महंत…

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  • सोच बदलनी होगी  अस्पताल जेल और शमशान ही असल अनुभूति देते है

    सोच बदलनी होगी अस्पताल जेल और शमशान ही असल अनुभूति देते है यह तीनों जगहें ऐसी हैं जहां कुछ समय मनुष्य को यथार्थ का पता चलता है, उड़ने का ख्वाब उड़ जाता है। अपने को असहाय और भगवान को ही कर्ताधर्ता मानता है! सोच बदलनी होगी जीवन का वास्तविक सत्य है क्या !   45000 करोड़ की संपत्ति रखने वाले राकेश…

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  • क्या पाप पुण्य का विचार केवल तीये की बैठक तक वो “मतलब की दुकान। एक दूजे से मिलने की चौपाल

    पाप पुण्य का विचार केवल तीये की बैठक तक वो “मतलब की दुकान। एक दूजे से मिलने की चौपाल सोच बदलनी होगी शर्मनाक है तीये की बैठक में लोग अपना नाम बुलवाने के लिए सेट मैटर की बनी चिट्ठियां भेजते हैं। जिंदा लोगों को ठगने वाले कीर्तिलोभी लोग दिवंगत व्यक्ति के साथ भी मजाक करते हैं। इससे भी घिनौने लोग…

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  • धूम्रपान यानि उम्रपान : डॉ तुषार जगावत

    31 मई विश्व तम्बाकू निषेध दिवस धूम्रपान यानि उम्रपान यह बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, गुटखा, जर्दे की दुकान। यहाँ मीठा जहर है, रंग बिरंगा कफन का सामान ।। एक नहीं, दो नहीं, ये तो कई बिमारियों की खान। घट रही जिन्दगी, ये धूम्रपान नहीं ये तो उम्रपान ।। रावण के रूप में घुस रहा है यह तम्बाकू। तन-मन और धन को…

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  • पैसा कितना जरूरी : धन जीवन में बहुत कुछ है, परंतु सब कुछ नहीं

    सोच बदलनी होगी पैसा कितना जरूरी धन जीवन में बहुत कुछ है, परंतु सब कुछ नहीं पैसे की अहमियत अत्यंत है शास्त्र गवाह है पैसे राज पाट के लिए राजाओं में परस्पर युद्ध होते आए है। वर्चस्व की लड़ाई में भी पैसा चाहिए। हर एक काम के लिए पैसे रोटी कपड़ा और मकान। यहां तक कि पीने के पानी के…

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  • तुम क्या जानों ड्राईवर की औकात क्या ? सोच बदलनी होगी

    तुम क्या जानों ड्राईवर की औकात क्या ? उसकी औकात से ही हो आप सुरक्षित सोच बदलनी होगी ड्राइवर को हल्के में न लें ड्राईवर व गाड़ी दोनों एक दुसरे के बिना अधूरे है, ड्राईवरों के मुख से सुनी बात है कि हम 37 वीं कोम में आते है क्योंकि हम बिना किसी जाति-पाति, भेदभाव न रखते हुये आपस में…

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  • सोचना पड़ेगा ही। सोचो नया साल कौनसा। new year which ?

    ” सोचो नया साल कौनसा न ऋतु बदली… न कक्षा बदली… न सत्र, न फसल बदली… न खेती, न पेड़ पौधों की रंगत, न सूर्य चाँद सितारों की दिशा, ना ही नक्षत्र। सोच बदलनी होगी नया केवल एक दिन ही नहीं कुछ दिन तो नई अनुभूति होनी ही चाहिए। इस 1 जनवरी के बाद तारीख के अलावा कुछ बदलता नहीं।…

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  • सोच बदलनी होगी रिसोर्ट _ में _ विवाह का ट्रेंड _बदलती नई सोच की तस्वीर ?

    सोच बदलनी होगी रिसोर्ट _ में _ विवाह का ट्रेंड _बदलती नई सोच की तस्वीर ?_ कुछ साल पहले तक घर के अंदर चौक में शादियां होती थी फिर घर के बाहर सड़क पर टेंट लगा कर होने लगी। उसके बाद शहर के अंदर मैरिज हॉल में शादियाँ होने लगी अब यह दौर भी समाप्ति की ओर है। सोच बदलती…

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