विशेष
चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
homeopathyलाइफ स्टाइलहैल्थ

गेहूं से एलर्जी (Wheat Allergy) – सिलियक डिजीज (Celiac Disease) प्रतिदिन फास्ट फूड पिज़्ज़ा बर्गर आदि का सेवन करने वाले हो रहे सीलियक नाम की डिजीज के शिकार अधिकांश को पता ही नहीं चलता कि उन्हें गेहूं से एलर्जी है।

dr kiran sawlani physician

गेहूं से एलर्जी (Wheat Allergy) – सिलियक डिजीज (Celiac Disease)
प्रतिदिन फास्ट फूड पिज़्ज़ा बर्गर आदि का सेवन करने वाले हो रहे सीलियक नाम की डिजीज के शिकार
अधिकांश को पता ही नहीं चलता कि उन्हें गेहूं से एलर्जी है।

गेहूं से एलर्जी कई लोगो को आरामदायक रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करती है, इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप इसे पहचानें और इसका सही इलाज करें।

लक्षण:
चुलबुलाहट (खरोंच) या त्वचा पर खुजली
उल्टी या दस्त
चेहरे और आंखों का सूजन
आंतो में घाव, पेट में अल्सर
पेट में दर्द और उल्टी
पेट में गैस और ब्लोटिंग
दस्त (दिन में अनेक बार बदलती स्टूल)
उच्चतम शारीरिक और मानसिक कमजोरी
त्वचा और बालों में समस्याएं
शरीर में खाने के पोषक तत्वों के प्रवेश में तकलीफ आदि।

यदि आपको इन लक्षणों में से कुछ होते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
सेलियक डिजीज समस्या के समाधान के बारे में डॉक्टर किरण सावलानी ने सलाह दी। डॉ किरण सावलानी होम्योपैथिक फिजिशियन है उन्होंने कहा कि गेहूं में एक ग्लूटिन नाम का प्रोटीन होता है जिसकी अधिकता से यह समस्या कई लोगों में पाई जाती है आज से पहले एक जमाने में गेहूं ऑर्गेनिक उच्च गुणवत्ता की आती थी जिसमें ग्लूटिन की मात्रा 5 से 6% होती थी। जो अब हाइब्रिड गेहूं आने से 30 से ज्यादा हो गई है। जिसे अधिकांश लोग प्रॉपर डाइजेस्ट नहीं कर पाते । यह ग्लूटिन नामक पदार्थ आंतो में चिपक जाता है। इसके अलावा जो लोग प्रतिदिन फास्ट फूड पिज़्ज़ा बर्गर आदि का सेवन करते हैं उनको भी सीलियक नाम की डिजीज पाई जाती है। फास्ट फूड बनाने वाले अपनी ब्रेड आदि को सॉफ्ट करने के लिए ज्यादा मात्रा में ग्लूटिन का इस्तेमाल करते हैं उन्होंने कहा कि सिलियक डिजीज यानी गेहूं से एलर्जी के इलाज के अंतर्गत हम सबसे पहले जिन खाद्य पदार्थों में ग्लूटेन की मात्रा पाई जाती है उसको छुड़वाते हैं और विकल्प के रूप में ग्लूटिन फ्री प्रोडक्ट का सेवन करने की सलाह देते हैं।

ग्लूटिन युक्त पदार्थ जैसे गेहूं मैदा सूजी का उपयोग वर्जित है और

ग्लूटेन फ्री उत्पाद चावल चना सोया बाजरा मक्का ज्वार आदि का सेवन करने की सलाह देते हैं।

इसके अलावा हम ग्लूटेन फ्री प्रोडक्ट्स भी बनाते हैं जैसे आटा बेसन सूजी गोलगप्पे सोया नट्स रोस्टेड मखाना चॉकलेट्स बिस्किट्स आंवला कैंडी का सेवन कर शरीर के लिए कैलोरी प्राप्त कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हम इस बीमारी के इलाज के लिए सबसे पहले मरीज को ग्लूटेन फ्री प्रोडक्ट से उनकी एलर्जी को काबू में करते हैं फिर साथ-साथ होम्योपैथिक दवाइयां देकर उनकी इम्यूनिटी को बढ़ाकर उनकी एलर्जी को जड़ से खत्म कर देते हैं।

फिर भी सलाह यही दी जाती है कि भविष्य में भी जिन खाद्य पदार्थ में ग्लूटेन ज्यादा होता है उसका इस्तेमाल न करें।

क्योंकि कहावत प्रसिद्ध है कि बीमारी के इलाज से बेहतर बचाव ही इसका सर्वोत्तम उपाय है
संपर्क सूत्र

डॉक्टर किरण सेवलानी 98876 88713

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Related Articles

Back to top button