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सावन में धतूरे का ये उपाय बदल देगा किस्मत शिव जी प्रसन्न होकर बरसाएंगे कृपा

Sawan 2023 Upay: हिंदू धर्म में सावन के महीने के विशेष महत्व होता है। इस दौरान भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उत्तम समय होता है। सावन सोमवार पर शिव भक्त व्रत रखते हैं और शिवजी की आराधना करते हैं। सावन माह में किए गए शिव प्रिय कार्यों से शिवजी प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस बार सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू हो चुका है। कहा जाता है कि कुछ चीजें भगवान शिव के बेहद प्रिय होती हैं। वहीं धतूरा शिवजी का प्रिय है। सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा चढ़ाने से वे जल्द ही प्रसन्न होकर अपनी कृपा भक्तों पर बरसाते हैं। इसके साथ ही धतूरे से जुड़े कुछ उपाय कर लिए जाए तो शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

संकट टालने के लिए

शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने में अश्लेषा नक्षत्र में धतूरे की जड़ को घर लेकर आएं और स्थापित कर दें। कहा जाता है कि इससे घर में आने वाले हर तरह के संकट टल जाते हैं।

बुरी शक्तियों से मुक्ति के लिए

शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने में काले धतूरे की जड़ को रविवार या मंगलवार के दिन घर में स्थापित करें। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा और घर के आसपास भटक रही बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है। साथ ही घर में खुशहाली आती है।

धन की कमी

शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने में शिवजी पर चढ़े धतूरे को घर की तिजोरी में रखने से बरकत बनी रहती है। कभी भी धन की कमी नहीं होती।

धन संबंधी समस्या के लिए

सावन सोमवार के दिन धतूरे की जड़ को घर में स्थापित करें। इसके बाद मां काली की पूजा करके उनके बीज मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे धन संबंधी सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं।

संतान प्राप्ति के लिए

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन के महीने में धतूरा का फल शिवलिंग पर अर्पित करने से संतान सुख प्राप्ति होती है। वहीं सावन सोमवार के दिन अगर कोई व्यक्ति धतूरे की जड़ को अपने बाएं हाथ की कलाई में बांध लें तो उसे जीवन में आ रही सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है।

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डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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