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चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
मध्यप्रदेश

बालाघाट के रास्ते मानसून का मप्र में प्रवेश 13 साल में तीसरी बार 24 जून को दस्तक

आखिरकार तय तारीख से आठ दिन के विलंब के बाद शनिवार दोपहर दक्षिण-पश्चिम मानसून ने बालाघाट, अनूपपुर जिलों के रास्ते प्रदेश में दस्तक दे दी है। 13 साल में तीसरी बार 24 जून को प्रदेश में मानसून आया है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक वर्तमान में अलग-अलग स्थानों पर तीन मौसम प्रणालियां बनी हुई हैं।

अरब सागर, बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी मिलने से अगले 48 घंटों के दौरान मानसून प्रदेश के आधे हिस्से को कवर कर सकता है। उधर, शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक रतलाम में 25, सतना में 24, गुना में 18, छिंदवाड़ा में 12, धार में सात, इंदौर में 4.9, खरगोन में तीन, उज्जैन में दो, भोपाल में 1.5, सागर में 0.8, ग्वालियर में 0.3 मिलीमीटर वर्षा हुई। राजगढ़ में बूंदाबांदी हुई।

5 दिन चल सकता है बारिश का दौर

शनिवार को मानसून बालाघाट, सिवनी, मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर, सिंगरौली जिलों में पहुंच गया है। लगातार नमी मिलने के कारण मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां भी काफी अनुकूल हैं। मौसम विभाग के अनुसार रविवार को सागर, नर्मदापुरम, शहडोल, रीवा, भोपाल, उज्जैन, इंदौर एवं जबलपुर संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा होने की संभावना है। रुक-रुक कर वर्षा का सिलसिला पांच दिनों तक चल सकता है। इस दौरान आलीराजपुर, झाबुआ एवं सागर में भारी वर्षा की चेतावनी भी जारी की गई है।

अरब सागर, बंगाल की खाड़ी में मौजूद है चक्रवात

वर्तमान में बिपरजॉय उत्तर प्रदेश के मध्य में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। ओडिशा और उससे लगे आंध्र प्रदेश के तट पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इसके रविवार को कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होने की संभावना है। उत्तर-पूर्वी अरब सागर एवं उससे लगे गुजरात पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है।

मौसम विज्ञान केंद्र की वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ममता यादव ने बताया कि पूरे प्रदेश में वर्षा का सिलसिला शुरू होने की संभावना है। रुक-रुक कर वर्षा का सिलसिला चार-पांच दिन तक बना रह सकता है। इस दौरान कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है। 26 जून तक राजधानी सहित प्रदेश के आधे से अधिक जिलों में मानसून छा सकता है।

13 वर्षों में प्रदेश में कब-कब आया मानसून

वर्ष व तारीख

2011 -17 जून

2012 -19 जून

2013 -10 जून

2014 -19 जून

2015 -14 जून

2016 -19 जून

2017 -22 जून

2018 -24 जून

2019 -24 जून

2020 -15 जून

2021 -10 जून

2022 -16 जून

2023 -24 जून

कई जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक वर्तमान में अलग-अलग स्थानों पर तीन मौसम प्रणालियां बनी हुई हैं। अरब सागर, बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी मिलने से अगले 48 घंटों के दौरान मानसून प्रदेश के आधे हिस्से को कवर कर सकता है। मौसम विभाग के अनुसार रविवार को सागर, नर्मदापुरम, शहडोल, रीवा, भोपाल, उज्जैन, इंदौर एवं जबलपुर संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा होने की संभावना है। रुक-रुक कर वर्षा का सिलसिला पांच दिनों तक चल सकता है। इस दौरान आलीराजपुर, झाबुआ एवं सागर जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी भी जारी की गई है।

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