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मध्यप्रदेश

दर्जा विश्वस्तरीय स्टेशन का रानी कमलापति स्टेशन पर मूलभूत सुविधाएं भी तोड़ रही दम

भोपाल। देश का सबसे आधुनिक रेलवे स्टेशन कहा जाने वाला रानी कमलापति स्टेशन यात्री सुविधाओं के मामले में बेहद कमजोर साबित हो रहा है। कहने को यह स्टेशन विश्वस्तरीय है जिसे भविष्य की जरूरतों के लिहाज से डिजाइन किया गया है लेकिन एक साल के अंदर ही हालात ऐसे हो गए हैं कि यात्रियों की संख्या बढ़ते ही अव्यवस्था फैल जाती है और संख्या के अनुपात में कम यात्री सुविधाएं पानी मांगती नजर आती हैं।

इतना ही नहीं, यह आधुनिक स्टेशन मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित नजर आ रहा है। व्यवस्थाएं इस कदर बिगड़ी हैं, न तो लिफ्ट काम कर रही हैं, न ही एक्सलेटर। नवदुनिया ने नौ बजे से 11 बजे तक रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का जायजा लिया तो कई खामियां भी नजर आईं।

यात्रा की शुरुआत ही असुरक्षा से, मुख्य गेट पर लगे एक्सपायर अग्निशामक यंत्र

स्टेशन में प्रवेश करते ही मुख्य द्वार के पास दीवार पर लगे अग्निशमन यंत्र पर नजर पड़ती है। देखने पर इस पर एक्सपायरी डेट वर्ष 2022 लिखी मिली। हालात यह है कि तब से लेकर छह महीने बीते, लेकिन इसे आज तक रिफिल ही नहीं किया गया। यंत्र पर जमी धूल की मोटी परत बाकी कहानी कहती नजर आई।

एस्कलेटर और लिफ्ट खराब

स्टेशन के छह नंबर की ओर से आने वाले यात्रियों को प्लेटफार्म पर जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। छह नंबर गेट के पास दोनों लिफ्ट बंद हैं, वहीं एस्कलेटर भी काम नहीं कर रहा है। ऐसे में बच्चों से लेकर बुजुर्ग यात्री सीढि़यों से चढ़ने को मजबूर होते हैं। रीवा जा रहे शुभम पांडे ने बताया कि, पिता जीवन प्रसाद पांडे का इलाज करने आए थे, 10 बजे से स्टेशन पर बैठे है, लेकिन ट्रेन तीन घंटे लेट चल रही है। इस पर समस्या यह है कि पीने का पानी भरने के नल बैठने की जगह से इतनी दूर है कि परेशानी बढ़ाने वाले लगते हैं।

लिफ्ट के इंतजार में खड़े रहते हैं यात्री

प्लेटफार्म-दो-तीन पर एक-एक लिफ्ट है। दो ट्रेनें प्लेटफार्म पर एक साथ आने से यहां लोगों की भीड़ लग जाती है। प्लेटफार्म दो और तीन पर लगी लिफ्ट के लिए यात्री को 10 से 15 मिनट का इंतजार में करना पड़ा रहा है। ऐसे में समय ज्यादा लगने के कारण कई बुजुर्ग यात्रियों को सीढ़ियों से आना पड़ रहा है।

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