विशेष
चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
cancer / कैंसर

कैंसर से ठीक होने के बाद भी जरूरी है सतर्कता – डॉ. कमल किशोर लखेरा की सलाह

dr kamal kishore lakhera। cancer specialist। sms hospital

कैंसर से ठीक होने के बाद भी जरूरी है सतर्कता – डॉ. कमल किशोर लखेरा की सलाह

जयपुर।

सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर और कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. कमल किशोर लखेरा का कहना है कि कैंसर का इलाज पूरा हो जाना एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन इसके बाद की ज़िंदगी में भी कई सावधानियाँ और नियमित निगरानी बेहद जरूरी होती है। कैंसर के दोबारा होने की आशंका (Recurrence) कुछ मामलों में बनी रहती है, जिसे समय रहते रोका या नियंत्रित किया जा सकता है।

🔬 नियमित फॉलो-अप है अनिवार्य

इलाज के बाद मरीज को डॉक्टर द्वारा तय किए गए अंतराल पर फॉलो-अप जांच जरूर करानी चाहिए। इसमें ब्लड टेस्ट, ट्यूमर मार्कर टेस्ट, PET/CT स्कैन या अन्य इमेजिंग शामिल हो सकती है। डॉ. लखेरा के अनुसार, इससे किसी भी शुरुआती संकेत को समय पर पकड़ा जा सकता है और इलाज जल्दी शुरू किया जा सकता है।

🥗 जीवनशैली में सुधार करें

कैंसर सर्वाइवर्स के लिए हेल्दी डाइट बेहद जरूरी है। भोजन में ऐंटीऑक्सिडेंट्स, फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स की भरपूर मात्रा होनी चाहिए। हरी सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज, ओमेगा-3 युक्त खाद्य पदार्थ जैसे अलसी, अखरोट और फैटी फिश फायदेमंद हैं। तले हुए, प्रोसेस्ड फूड और रेड मीट से बचना चाहिए।

🚭 धूम्रपान और शराब से दूरी रखें।

🏃‍♂️ नियमित व्यायाम और वज़न नियंत्रण

शरीर को सक्रिय रखना और स्वस्थ वजन बनाए रखना बेहद आवश्यक है। रिसर्च से साबित हो चुका है कि हल्का व्यायाम जैसे तेज़ चलना, योग और प्राणायाम न सिर्फ इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है बल्कि कैंसर की पुनरावृत्ति की आशंका को भी घटाता है।

🧠 मानसिक स्वास्थ्य का रखें ध्यान

कैंसर से लड़ाई के बाद बहुत से मरीजों को डिप्रेशन, एंग्जायटी या भावनात्मक अस्थिरता का सामना करना पड़ता है। इसलिए पारिवारिक सहयोग, काउंसलिंग, मेडिटेशन और अपनी पसंदीदा हॉबी में समय देना जरूरी है।

🧪 पर्सनलाइज्ड मेडिकल निगरानी

आजकल बायोमार्कर और जेनेटिक प्रोफाइलिंग के ज़रिए यह पता लगाया जा सकता है कि किसी विशेष मरीज के लिए कौन-से पोषक तत्व, दवाएं या लाइफस्टाइल ज़्यादा लाभकारी हो सकते हैं। इससे टार्गेटेड प्रिवेंशन की संभावना बढ़ जाती है।

सलाह

डॉक्टर द्वारा दी गई दवाएं समय पर लें।

फॉलो-अप शेड्यूल का सख्ती से पालन करें।

वजन धीरे-धीरे कम करें (अगर ज़रूरत हो)।

तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन, सामाजिक मेलजोल और रचनात्मक गतिविधियों में हिस्सा लें।

संपर्क सूत्र – डॉ. कमल किशोर लखेरा

मो. 97427 94320

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Related Articles

Back to top button