विज्ञान और सिद्धांत पर आधारित है सेक्स क्रिया
जौली अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर के फिजिशियन एवं प्रसिद्ध सेक्सोलोजिस्ट डॉ. जौली अरोड़ा का कहना है कि सेक्स के अपने नियम और विज्ञान है।
क्या कहता है विज्ञान : प्रकृति ने सभी सजीवों को सेक्स क्रिया द्वारा उत्पन्न करवाया है जो एक नैसर्गिक प्रक्रिया है। सेक्स सजीवो को आनंद की अनुभूति के साथ-साथ प्रक्रति के क्रमिक विकास को बढ़ाने का माध्यम है। सेक्स के दौरान करीब सात प्रकार के हार्मोन व 8 एन्जाइम स्रावित होते है जो मानव शरीर के अच्छे स्वास्थ्य के लिए होते हैं।
सेरोटोनिन – प्रसन्नचित चेहरा व आत्म विश्वास में बढोत्तरी
एन्डोमार्फिन – गाढी नींद व दर्द निवारक औषधि है। थाइरोकेनिन – हड्डियों की मजबूती- आस्टीयोपोरोसिस रोकने में सहायक
इन्सुलिन – रक्त में ग्लूकोज के उपापचय का निगमन करना
टेस्टोस्टेरान – सेक्स में बढोत्तरी, लिंग में कड़ापन व जोशीला व्यक्ति बनाता है।
एन्टीबॉडीज – शरीर की रोंगों से रोग प्रतिरोधक क्षमता व लड़ने की ताकत बढाना
एण्ड्रोजन – स्तनों में वृद्धि, चेहरे पर कसाव सैक्स नैसर्गिक आवश्यकता है इसका दमन कई प्रकार के मानसिक रोगों को जन्म देता है जो कि धीरे-धीरे शारीरिक रोगों में प्रकट होते हैं।
सैक्स की गलत भ्रांतियां व उसके दमन से होने वाले प्रमुख रोग।
शीघ्रपतन – यह सिर्फ मानसिक रोग है गलत भ्रांतियों व उसके दमन की वजह से पैदा होता है।
हिस्टीरिया – स्त्रीयों में अपने पति से सैक्स की पूर्ण तृप्ति न होना-सैक्स की भावनाओं को दबा देने से होता है।
– 60 प्रतिशत रोगों में सैक्सुअल एन्जाय का विक्रत रूप स्किजोफ्रेनिया के लिए जिम्मेदार है।
– 40 प्रतिशत रोगो में सेक्स का दमन व जल्दबाजी से हो जाते है आस्टियोपोरासिस के शिकार
विश्वास में कमी 80 प्रतिशत केसों में खुलकर सैक्स न कर पाना, आधी अधूरी इच्छा रह जाने की वजह से और सैक्स की अनभिज्ञता व सही जानकारी का अभाव तथा भ्रम पाल लेने की वजह से अन्य कई रोग भी पैदा हो जाते हैं।
सैक्स अर्थात सम्भोग करते समय कुछ नियमों को ध्यान में रखा जाये तो सैक्स को औषधि बनाया जा सकता है। सेक्स की बाते व सैक्स भी विपरीत लिंग से ही करें।
सैक्स का पार्टनर उसे ही मनायें जो कि आपके साथ 100 प्रतिशत सैक्स करने को तैयार हो। सम्भोग में उतरने से कुछ पहले अपने पार्टनर से इस बाबत बात करे व सहमति ले ऐसा करने पर सैक्स चरमानन्द स्थिती तक पहुंचाया जा सकता है और स्वास्थ्य लाभ होगा।
सैक्स करने से पहले फोरप्ले अवश्य करे ताकि हार्मोनों का स्त्राव हो सके। कई स्त्री पुरुष के स्खलन के पश्चात हार्मोन स्त्रावित नहीं हो पाते है। पुरुष सैक्स करते समय श्वांस को सामान्य रखें ।सामान्य श्वांस के साथ किया गया सैक्स लंबे समय तक चलता है।
संपर्क सूत्र : डॉक्टर जौली अरोड़ा मो 94140 48353