धूम्रपान यानि उम्रपान : डॉ तुषार जगावत
31 मई विश्व तम्बाकू निषेध दिवस
धूम्रपान यानि उम्रपान
यह बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, गुटखा, जर्दे की दुकान।
यहाँ मीठा जहर है, रंग बिरंगा कफन का सामान ।।
एक नहीं, दो नहीं, ये तो कई बिमारियों की खान।
घट रही जिन्दगी, ये धूम्रपान नहीं ये तो उम्रपान ।।
रावण के रूप में घुस रहा है यह तम्बाकू।
तन-मन और धन को लूट लेगा यह डाकू ।।
दो पल का मजा, फिर उम्र भी की सजा।
जीवन की खुशियाँ, काटने वाला चाकू ।।
होंठ, मसूड़े, दांत, जीभ, गले को करे खराब।
अभी भी वक्त है, इससे पीछा छुड़ा लो जनाब ।।
तुम्हारे साथ-साथ दूसरों को भी यह चबा लेगा।
कभी भी यमराज की तरह सबको दबा लेगा।।
मुंह से पहुंचे गले में, और गले से फेंफड़ों में।
बच्चे, महिलायें भी पड़ रही है इन लफड़ों में।।
कभी घाव, कभी फोड़ा तो कभी मुंह में छाला।
ये वो सांप है, जो तूने खुद आस्तीन में पाला ।।
कोई कहे दुश्मन तो कोई कहे इसको सौत ।
कोई कहे बिमारी तो कोई कहे इसे मौत ।।
दो पल का सुकून है, दो पल की मस्ती है।
एक रूपये में बिक रही, मौत बड़ी सस्ती है।।
तम्बाकू से कई बीमारियों व कैंसर का खतरा।
मुंह, गला, फेफडों, दिल और दिमाग को खतरा ।।
सिगरेट, हुक्का, जरदा, गुटखा, या बीड़ी।
सारे नशे एक समान, सब मौत की सीढ़ी ।।
प्रस्तुति : डॉ तुषार जगावत मो 9928048586