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चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांस
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जोड़ प्रत्यारोपण व शोल्डर के उपचार की तकनीकों में एआई आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंन्स का भी प्रयोग बढ़ा 

जोड़ प्रत्यारोपण व शोल्डर के उपचार की तकनीकों में एआई आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंन्स का भी प्रयोग बढ़ा 

“पाँचवे जयपुर शोल्डर नी कोर्स “5th JSKC-2024 का आयोजन संपन्न।

JSKC-2024 का आयोजन राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर जयपुर में गत दिनांक 27-28 अप्रैल को संपन्न हुआ।

यहां घुटने एवं कंधे के जोड़ के उपचार से सबंधित सभी सर्जिकल तकनीकों के बारे में देश व विदेश से आये अनुभवी डॉक्टर्स अपने अनुभव के द्वारा

युवा आर्थोपेडिक डॉक्टर्स को रिलाइव सर्जिकल वीडियोज़ से अत्याधुनिक तकनीकों को समझाया।

इस कांफ्रेंस के डायरेक्टर्स डॉ बी. आर. बगड़िया एवं डॉ राजीव गुप्ता ने बताया कि यें कोर्स उतरी भारत का सबसे बेहतरीन कोर्स है क्योंकि यहां जॉइंट रिप्लेसमेंट और आर्थरोस्कोपिक सर्जरी की सबसे एडवांस तकनीकों को रिलाइव डेमोंस्ट्रेट करके युवा सर्जन्स को सिखाया गया।

युवा डॉक्टर्स के इस कोर्स में लगातार रुचि लेने के कारण यह विगत 5 वर्ष से इसका सफल आयोजन हो रहा है। इस वर्ष 300 से ज़्यादा आर्थोपेडिक डॉक्टर्स ने इस कोर्स में भाग लिया।

इस कोर्स में जॉइंट रिप्लेसमेंट, रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस से जॉइंट रिप्लेसमेंट दूरबीन से जोड़ो की सर्जरी के बारे में सभी नई तकनीकों के बारे में बताया।

डॉ. बगरिया ने बताया कि वर्तमान समय में जोड़ प्रत्यारोपण व शोल्डर के उपचार की तकनिकों में एआई आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंन्स का भी प्रयोग बढ गया है। इसका उपयोग जोड़ो के ऑपरेशन में सर्जन्स द्वारा किया जा रहा है।

कई प्रकार की ऐसी डिवाईसेज मेंडिकल कम्पनियों के द्वारा बनाई जा रही ह जो कि एआई सपोर्टेंड है जो उपचार में काफी मदद करती है।

डॉ राजीव गुप्ता ने बताया कि एआई व रोबोटिक तकनीक से उपचार की सटीकता बढने के साथ ही पप्रत्यारोपित जोड़ो की लाईफ भी बढ़ जाती है। इस तकनीक द्वारा इलाज में सर्जन का समय भी बचता है और सबसे ज्यादा फायदा यह होगा कि मरिजो की रिकवरी बहुत फ़ास्ट होगी।

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