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आदर्श विद्या मंदिर पूर्व छात्र परिवारिक सांस्कृतिक संध्या एवम गोठ का ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित

आयोजकों ने ऐसा कमल किया कि जैसे मोतियों को पिरोकर एक माला का रूप दिया गया हो

आदर्श विद्या मंदिर पूर्व छात्र परिवारिक सांस्कृतिक संध्या एवम गोठ का ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित

आदर्श विद्या मंदिर के भूतपूर्व छात्रों के साथ आज गुरुजनों और वर्तमान में पढ़ रहे छात्रों का सानिध्य प्राप्त हुआ।

गुरु जी धर्म दत्त शर्मा के मार्गदर्शन और प्रवीण अरोड़ा के नेतृत्व एवम आलोक कौशिक की सुव्यवस्था ने छात्रों को एक सूत्र में जोड़ा। तुलसी संगतानी ने मंच को बखूबी संचालित किया और दीपक शर्मा ने लजीज भोजन को परोस कर सबकी जठराग्नि को तृप्त किया।

इस अवसर पर हमारे सहपाठी राम जाने की लिखित पुस्तिका डू यू नो सिमरन जारा का विमोचन हमारे स्कूल के साथी पूर्व विधायक अशोक परनामी ने किया।

समारोह में गीतों का सत्र के साथ अतीत को याद किया गया। अतीत को याद कर सभी छात्र भाव विभोर हुए और ऐसे आयोजन की सराहना की।

नारंग ने कहा कि
आज इस प्रोग्राम को देखकर ऐसा लगा जैसे बिखरे हुए मोतियों को पिरोकर एक माला का रूप दिया गया हो ..

कविंद्र जुल्का ने तो ऐसा कॉम्प्लीमेंट दिया……
बहुत ही सुंदर आयोजन हेतु सभी छोटे भाइयों को साधुवाद, मुझे भी थोड़ी सी डांस की भड़ास निकालने का मौका मिल गया।

कार्यक्रम में सभी उम्र के आदर्श विद्या मंदिर के पूर्व साथी एकत्र हुए और अपनी यादें साझा की। अनेक साथी कई वर्षों बाद आपस में मिले जिससे उनके हदय गदगद हो गए एक भाई तो अपने सहपाठी से 50 वर्ष बाद इस कार्यक्रम में मिला उसका कहना था हम तो ऐसे मिले जैसे कुंभ के मेले में बिछड़ गए हो।
एक साथी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम पहले क्यों नहीं हुए इस अगुवाई के लिए गुरुजी धर्म दत्त शर्मा का उन्होंने आभार व्यक्त किया।
गोठ कार्यक्रम तो सभी समाज और संगठन में देखने को मिलते हैं लेकिन इस कार्यक्रम में अगुवाई कर रहे छात्रों की नेतृत्व कला और समर्पण निष्ठा अलग ही अंदाज में देखने को मिली जिसके कारण यह भव्य कार्यक्रम संपन्न हो सका।
गुरुजी धर्मदत्त शर्मा के विचार कुछ इस प्रकार व्यक्त हुए….
आज का कार्यक्रम बहुत शानदार रहा तुलसी भैया का मंच संचालन आलोक कौशिक, प्रवीण अरोड़ा, रणवीर, संदीप झा, धर्मवीर भाटिया, श्रीमती भाटिया, गुलशन खत्री, संजीव जैन, भारत भूषण शर्मा के गायन ने समा बांध दिया। कई अपने पूर्व छात्र ऐसे रहे हैं जिनके गायन को मैं सुन नहीं सका क्योंकि मेरा बार-बार बाहर जाना या अन्य व्यवस्था के लिए भागना पड़ता था इसलिए पूरा संगीत मैं सुन नहीं पाया। दीपक पार्टी वाला का स्वादिष्ट भोजन सभी की चर्चा का विषय बना रहा और सबसे अधिक प्रशंसनीय कार्य भैया मनमोहन सिंह, मनोज नारंग और उनके साथी जो शुरू से आखिर तक टेबल पर बैठे रहे और अपने कार्य को निष्ठा के साथ संपादित किया इसी के साथ-साथ हमारे छात्रावास के लिए भैया जो आने वाले आगंतुकों का तिलक लगाकर स्वागत कर रहे थे और कुछ भैया इस सारे कार्यक्रम से दूर हमारी पार्किंग व्यवस्था में लगे हुए थे उन सबका में दिल से हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। इसके अलावा हमारे सभी छात्रों के परिवार जो पहली बार मुझे मिल रहे थे और सभी जिस प्रकार पैर छू के अभिवादन कर रहे थे ऐसा लग रहा था की पूरी जिंदगी का फल आज मिल रहा है। योगेश कुंदनानी जो हमारी और कमेटी में सबसे जूनियर भैया है और जिन्होंने निष्ठा के साथ सभी साथियों की सूची बनाने में तत्परता दिखाई। योगेश कुंदनानी को भी बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं तथा उम्मीद आशा करता हूं आगे आने वाले सभी कार्यक्रमों को भी इसी प्रकार मिलजुल कर संपादित करेंगे फिर एक बार आप सब लोगों का बहुत-बहुत धन्यवाद

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