विशेष
चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
कारोबार

जन औषधि केंद्रों पर डायबिटीज, ब्लडप्रैशर, हार्ट और अन्य गंभीर बीमारियों की दवाएं है सस्ती

भारत सरकार ने आम लोगों को महंगी दवाओं से निजाद दिलाने के लिए देश भर में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों (Jan Aushadhi Kendra) की शुरुआत की है। इन जन औषधि केंद्रों पर डायबिटीज, ब्लडप्रैशर, हार्ट और अन्य गंभीर बीमारियों की दवाएं है सस्ती
देश में बढ़ेगा जनऔषधि केंद्र का नेटवर्क
भारतीय औषधि एवं चिकित्सा उपकरण ब्यूरो (पीएमबीआई) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रवि दधीच के अनुसार, “देशभर में इस वर्ष के अंत तक 10,000 जन औषधि केंद्रों का परिचालन होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के अंतर्गत देशभर में चार भंडारगृह हैं जो गुरुग्राम, चेन्नई, गुवाहाटी और सूरत में मौजूद हैं।
गुरुग्राम स्थित केंद्रीय भंडार गृह सबसे बड़ा है। दधीच ने बताया कि पीएमबीजेपी फिलहाल 1,800 दवाइयों के साथ-साथ शल्य क्रिया के 285 उपकरण गुणवत्ता से समझौता किए बिना काफी किफायती कीमतों पर उपलब्ध करा रहा है।
सहकारी समितियों में भी खुलेंगे जनऔषधि केंद्र
मंत्रालय के अनुसार करीब 1,000 जन-औषधि केंद्र इस साल अगस्त तक खुल जाएंगे जबकि बाकी जन-औषधि केंद्र दिसंबर तक खुलेंगे।
हाल ही में पैक्स समितियों को जन-औषधि केंद्र खोलने की मंजूरी देने का यह फैसला किया गया। इसके लिए देशभर से 2,000 पैक्स समितियों का चयन किया जाएगा।
सहकारिता मंत्रालय ने कहा, ‘इस महत्वपूर्ण फैसले से न केवल पैक्स समितियों की आय और रोजगार अवसरों में बढ़ोतरी होगी बल्कि दवाएं भी लोगों को किफायती दाम पर मुहैया कराई जा सकेंगी।’’

सस्ती दवाओं का केंद्र
देशभर में अबतक किफायती दवाओं की बिक्री वाले 9,400 से अधिक जन-औषधि केंद्र खुल चुके हैं।
इन केंद्रों के जरिये करीब 1,800 दवाओं और 285 चिकित्सा उपकरणों की बिक्री की जाती है। इन दवाओं के दाम खुले बाजार में मिलने वाली ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50-90 प्रतिशत तक कम होते हैं।
जन-औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदक के पास न्यूनतम 120 वर्ग फुट की जगह होनी चाहिए। इसका आवेदन शुल्क 5,000 रुपये है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Related Articles

Back to top button