171 दिन उपवास का बालाघाट में किया पारणा भक्तों ने पराेसा गुड़ का पानी मूंगदाल
बालाघाट। लगातार 171 दिनों तक बिना आहार लिए जीवन जीने की कल्पना को वास्तविकता में बदला है, जैन संप्रदाय के मुनि श्री विरागमुनि जी म.सा. ने। उन्होंने अध्यात्म के बल पर 171 दिनों तक भगवान महावीर की भक्ति की। इस दौरान सिर्फ और सिर्फ गुनगुना जल पिया, वह भी सूर्यास्त से पहले। किसी इंसान का इतने दिनाें तक बिना भोजन या आहार लिए जीवित रहना, वैज्ञानिकों के लिए भी शोध का विषय बन गया है। श्री विरागमुनि ने बुधवार को पारणा यानी अपना उपवास तोड़ा। उन्हें गुड़ का पानी, मूंगदाल, पराठे जैसे आहार परोसे गए। इसके बाद उन्होंने बंद कमरे में आहार ग्रहण किया।
पारणा के लिए बालाघाट को चुना
खास बात रही कि श्री विरागमुनि ने पारणा के लिए बालाघाट की पावन धरा काे चुना। जैन धर्मावलंबियों का कहना है कि अराध्य भगवान महावीर के 178 दिनों के निरंतर उपवास के शताब्दियों बाद जैन संप्रदाय के किसी मुनिश्री ने इतने दिनों का उपवास रखकर इतिहास बनाया है। मुनिश्री का कहना है कि उन्होंने यह तप भगवान की भक्ति और मानव कल्याण के लिए किया है।
सुबह प्रवचन दिया, फिर किया पारणा
बुधवार को अपना उपवास तोड़ने यानी पारणा करने से पहले श्री विरागमुनि म.सा ने श्रद्धालुओं को सुबह प्रवचन और मंगलपाठ दिया। इस दौरान उन्होंने जैन धर्मावलंबियों को संबोधित करते हुए अपने लिए गए अभिग्रह की भी जानकारी दी। इसके बाद वह आजीवन ब्रम्हचर्य व्रत का पचकाण लेने वाले पवन निधि बाफना, दो साल के व्रत का पचकाण लेने वाले अभिनव अंकिता बाफना सहित अन्य तीन घरों में आहार लेने पहुंचे। गौरतलब है कि बालाघाट में चार्तुमास के लिए 29 जून को पधारे श्री विरागमुनी जी म.सा. के उपवास का इस युग में नया रिकॉर्ड बना है। उन्होंने लगातार पांच माह 25 दिनों तक उपवास रखा है।
शारीरिक जांच में फिट पाए गए मुनिश्री
171 दिनों तक उपवास करना चिकित्सकों के लिए भी हैरान करने वाला है। मंगलवार शाम तीन सदस्यीय टीम बालाघाट पहुंची, जिसने मुनिश्री की सेहत की जांच की। टीम में बड़ौदा के चिकित्सा विशेषज्ञ डा. आशीष शाह के साथ डा. घनश्याम और दुर्ग से डा. डीपी बिसेन हैं। डा. शाह ने बताया कि हमने मुनिश्री की जांच यह देखने के लिए की ताकि ये पता लगाया जा सके कि बिना अनाज या आहार लिए भी इंसान ऊर्जावान रह सकता है या नहीं। हमने मुनिश्री की शारीरिक जांच की, जिसमें किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं मिली। वह पूरी तरह फिट हैं। बायो कैमिकल यानी ब्लड सहित अन्य जांचों की रिपोर्ट आना बाकी है। टीम अपनी रिपोर्ट डब्ल्यूएचओ को देगा ताकि इस पर और शोध किया जा सके।
भारतीय अध्यात्म शक्ति को समझाने किया तप
मुनि श्री विरागमुनि जी म.सा. ने बताया कि आत्मा की अनंत शक्तिओं का प्रकटिकरण करने तथा सामान्य जन भी इस शक्ति काे पहचान सके, प्रकट कर सके, इसलिए तप किया था। जनसामान्य के साथ पूरा विश्व इस भारतीय अध्यात्म और आत्मा की शक्ति को समझ सके। इस दौरान कई तरह की विधियां अपनाईं। योग, प्राणायाम, ध्यान, सूर्य व जल से मिली ऊर्जा से इतने दिनों तक तप किया।