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चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
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रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित करनेसरकारी अधिकारी और कर्मचारी कर रहें हैं रक्तदान

जशपुरनगर। जिले में जरूतमंद मरीजों के लिए रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित करने,जिला प्रशासन ने सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों से रक्तदान कराने की पहल की है। इसके लिए प्रशासन की ओर से एक रोस्टर जारी कर,दिन निर्धारित किया गया है। इस निर्धारित दिन में,संबंधित विभाग के अधिकारी और कर्मचारी,जिला चिकित्सालय में स्वेच्छा से रक्तदान कर रहें हैं।

सीएमएचओ डा रंजीत टोप्पो ने बताया कि जिला चिकित्सालय में ब्लड बैंक की सुविधा प्रारंभ होने के बाद,जिले के कुनकुरी, कांसाबेल, फरसाबहार, बगीचा, पत्थलगांव में ब्लड स्टोरेज की सुविधा उपलब्ध हो चुकी है। इन स्टोरेज केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में खून की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए,जिला प्रशासन ने रक्तदान अभियान शुरू किया है। इस अभियान को पहले चरण में अच्छी सफलता मिली है। उन्होनें बताया कि जिले के सामाजिक संगठन और समाज सेवियो ने बढ़ चढ़ कर रक्तदान किया है। इससे ब्लड स्टोरेज केन्द्र में खून की मात्रा बढ़ी है। लेकिन अभी,इन सभी केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में खून जमा नहीं हो पाया है। इसे देखते हुए,कलेक्टर डा रवि मित्तल ने अधिकारियों और कर्मचारियों को रक्तदान के लिए प्रेरित करने की पहल की है। डा टोप्पो ने बताया कि प्रशासन का लक्ष्य,आम लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करना भी है। अधिकारियों को रक्तदान करते हुए,देख कर आमलोगों में अच्छा प्रतिक्रिया होने की संभावना है।

सिकलसेल के मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत –

बीते कुछ सालों से रक्त की उपलब्धता जशपुर सहित सभी ब्लाकों में बड़ी समस्या बनी हुई थी। ब्लड बैंक न होने से,इसके लिए,जिले को अंबिकापुर पर निर्भर रहना पड़ता था। रक्तदाताओं से प्राप्त खून को,जमा कर,प्रोसेस के लिए अंबिकापुर भेजा जाता था। यहां से पैकेट में खून को स्टोरेज में जमा किया जाता था। लेकिन,इसमे समय लगने और स्टोरेज की समस्या के कारण सीमित मात्रा में खून जमा हो पाता था। इससे सिकलसेल,सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को रक्त के लिए भटकना पड़ता था। रक्त की जरूरत के लिए रक्तदाताओं को खोजने की मशक्कत करनी पड़ती थी। जिला चिकित्सालय में ब्लड बैंक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ब्लड स्टोरेज केन्द्र शुरू हो जाने से सिकलसेल,घायलों के साथ रक्त की जरूरत वाले मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।

शिक्षा विभाग ने किया चालीस यूनिट रक्त दान –

जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित रोस्टर के अनुसार,मंगलवार को शिक्षा विभाग के अधिकारी,कर्मचारी और शिक्षकों ने रक्तदान किया। विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) एमजेडयू सिद्दीकी ने बताया कि कलेक्टर डा रवि मित्तल की प्रेरणा से जशपुर विकासखंड के शिक्षकों व कर्मचारियों ने मंगलवार को 60 यूनिट,रक्तदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। रक्तदान को लेकर,शिक्षकों व कर्मचारियों में उत्साह देखने को मिला। सुबह 10 बजे से ही शिक्षक व कर्मचारी,रक्तदान के लिए जुटने लगे थे। शाम 4 बजे तक 40 यूनिट रक्तदान किया जा चुका था। जशपुर ब्लाक के गंगाटोली पूर्व माध्यमिक शाला की महिला शिक्षक राधिका भगत ने,रक्तदान करने वाले शिक्षकों,अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए,स्वयं के खर्चे से एनर्जी ड्रिंक की व्यवस्था की।

सिकलसेल के मरीजों को पड़ती है सौ यूनिट से अधिक की आवश्यकता –

सिकलसेल की बीमारी से जुझ रहे मरीजों को रक्त की आवश्यकता सबसे अधिक पड़ती है। सीएमएचओ डा रंजित टोप्पो ने बताया कि जिले में सिकलसेल 19 सौ 85 मरीज सिकलसेल की बीमारी से जुझ रहें हैं। इन्हें बीते साल वर्ष 2022 में 186 यूनिट रक्त जिला चिकित्सालय की ओर से उपलब्ध कराया गया था। इस साल 2023 में जून तक 51 यूनिट रक्त,सिकलसेल के मरीजों को उपलब्ध कराया जा चुका है। उन्होनें बताया कि सिकलसेल से जुझ रहे मरीजों को एक निश्चित समय में रक्त चढ़ाना होता है। क्योकि इस बीमारी से शरीर में रक्त बनने की गति कम हो जाती है।

इनका कहना

‘ब्लड बैंक और ब्लड स्टोरेज केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए,कलेक्टर डा रवि मित्तल की पहल पर,रक्तदान अभियान चलाया जा रहा है। इसमें,जिले के सभी विभागों के अधिकारी और कर्मचारी,उत्साहपूर्वक भाग ले रहें हैं। आमजन से अपील है,रक्तदान कर,जरूरतमंदों मरीजों की जान बचाने के पुनित कार्य के लिए आगे आएं। यह पूरी तरह से सुरक्षित है।’

डा रंजित टोप्पो,सीएमएचओ,जशपुर

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