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लक्ष्मी नारायण योग: जुलाई में बुध-शुक्र की युति इन 3 राशियों को बनाएगी मालामाल

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुध और शुक्र की युति लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण करती है। यह सबसे शक्तिशाली योग में से एक है। यह जातकों को अप्रत्याशित धन, प्रसिद्धि, शुभता और सफलता देता है। इस बार लक्ष्मी नारायण योग कर्क राशि में बना रहा है। यह सभी राशियों को प्रभावित करेगी, लेकिन 3 राशियां सबसे ज्यादा भाग्यशाली होंगे। जिन्हें इस योग का सबसे अधिक लाभ मिलेगा।

क्या है लक्ष्मी नारायण योग?

लक्ष्मी नारायण योग शुक्र और बुध की युति से बनने वाले एक शुभ योग है। शुक्र विलासिता, सौंदर्य और प्रसिद्धि का कारक है। वहीं, बुध बुद्धि, व्यापार और तर्क का कारक है। बुध ग्रह भगवान विष्णु का प्रतिनिधित्व करता है। जबकि शुक्र देवी लक्ष्मी का प्रतिनिधित्व करता है। इन दोनों ग्रहों की युति व्यक्ति को सफलता, धन और समृद्धि प्रदान करती है।

इन राशियों को मिलेगा लक्ष्मी नारायण का लाभ

मिथुन राशि

मिथुन राशिवालों के लिए लक्ष्मी नारायण योग अत्यंत शुभ रहेगा। यह योग आपकी राशि में धन भाव का निर्माण करेगा। जिससे धन के साथ भाग्य का साथ मिलेगा। व्यापारिक सौदे, निवेश और इनकम के मामले में भाग्य आपका साथ देगा। व्यापारियों को लाभ होगा और व्यापार बढ़ेगा। कला, रंगमंच, मीडिया और मनोरंजन उद्योग से जुड़े जातकों को सफलता और प्रसिद्धि मिलेगी।

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए लक्ष्मी नारायण योग फलदायी रहेगा। आय में वृद्धि देखने को मिलेगी। इनकम के नए स्त्रोत खुलेंगे। संतान से संबंधित कोई शुभ समाचार सुनने को मिलेगा, जिससे संतुष्टि और खुशी मिलेगी। अगर आप शेयर बाजार में हाथ आजमाएंगे तो आपको सफलता मिलेगी।

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए लक्ष्मी नायारण योग अनुकूल है। यह योग आपकी जन्म कुंडली के 10वें भाव में बन रहा है। जिससे आमदनी में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इस दौरान नए उद्यम सफल होंगे। जो लोग बेरोजगार हैं, उन्हें अच्छी नौकरी मिलेगी। जो पहले से कार्यरत हैं, उन्हें प्रमोशन मिल सकता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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