खुले महाकाल मंदिर के पट गर्भगृह में बंद रहेगा प्रवेश जानिये दर्शन की व्यवस्था
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में मंगलवार से श्रावण की शुरुआत होगी। इसके लिए सोमवार रात 3 बजे मंदिर के पट खुलेंगे। पश्चात भगवान महाकाल की भस्म आरती होगी। सुबह 5 बजे भस्म आरती संपन्न होने के बाद आम दर्शन का सिलसिला शुरू होगा। इस बार 19 साल बाद श्रावण अधिक मास होने से पूरे दो माह मंदिर में भक्ति का उल्लास छाएगा।
मंदिर की परंपरा अनुसार प्रत्येक रविवार को रात 2.30 बजे तथा सप्ताह के शेष दिनों में रात 3 बजे मंदिर के पट खोले जाएंगे। श्रावण-भादौ मास के प्रत्येक सोमवार को भगवान महाकाल की सवारी भी निकलेगी। मंदिर समिति द्वारा प्रत्येक शनिवार को त्रिवेणी संग्रहालय के ऑडिटोरियम में श्रावण महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। देश के मूर्धन्य कलाकार गीत, संगीत व नृत्य की प्रस्तुति देंगे। मंदिर समिति ने सामान्य, वीआइपी व कावड़ यात्रियों के लिए दर्शन के विशेष इंतजाम किए हैं।
श्रद्धालु इन द्वार से करेंगे मंदिर में प्रवेश
-सामान्य दर्शनार्थी : चारधाम आश्रम के बैरिकेडस से दर्शन की कतार में लगेंगे तथा महाकाल महालोक होते हुए मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर से मंदिर में प्रवेश करेंगे।
-शीघ्र दर्शन टिकट वाले श्रद्धालु : बड़े गणेश मंदिर के सामने गेट नं. 4 तथा मंदिर कार्यालय के सामने गेट नं. 1 से मंदिर में प्रवेश करेंगे।
-वीआइपी : प्रोटोकाल के तहत आने वाले वीआइपी श्रद्धालुओं का प्रवेश मंदिर कार्यालय के सामने निर्माल्य द्वार से होगा।
-कावड़ यात्री : देशभर से आने वाले कावड़ यात्रियों को सप्ताह के चार दिन मंगलवार से शुक्रवार तक गेट नं.4 से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।
गर्भगृह में प्रवेश बंद रहेगा
श्रावण-भादौ मास में 4 जुलाई से 11 सितंबर तक मंदिर के गर्भगृह में दर्शनार्थियों का प्रवेश पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।
भक्तों को कार्तिकेय व गणेश मंडप से भगवान के दर्शन होंगे। विशेष अनुमति पर वीआइपी श्रद्धालुओं को नंदी हॉल से दर्शन कराए जाएंगे।
10 जुलाई को निकलेगी पहली सवारी
श्रावण मास के पहले सोमवार पर 10 जुलाई को शाम 4 बजे भगवान महाकाल की पहली सवारी निकलेगी। 11 सितंबर को शाही सवारी निकाली जाएगी। इस बार श्रावण-भादौ मास में भगवान महाकाल की 10 सवारी निकलेगी।
यह पर्व विशेष
-नागपंचमी : श्रावण मास में 21 अगस्त को नागपंचमी का त्यौहार रहेगा। इस दिन महाकालेश्वर मंदिर के शीर्ष पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट एक साल बाद खुलेंगे।
-श्रावणी पूर्णिमा : मंदिर की परंपरा अनुसार 30 अगस्त श्रावणी पूर्णिमा रक्षाबंधन पर भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डू का महा भोग लगाया जाएगा।