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चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
मध्यप्रदेश

प्रधानमंत्री शनिवार को मप्र के शहडोल में सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का करेंगे शुभारंभ

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को मध्य प्रदेश के शहडोल स्थित लालपुर आ रहे हैं। पिछले चार दिनों में उनका प्रदेश में यह दूसरा दौरा है। मोदी यहां से राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन, एक करोड़ पीवीसी आयुष्मान कार्ड वितरण अभियान का शुभारंभ और सिकल सेल जेनेटिक स्टेट्स कार्ड वितरित करेंगे।

पीएम साथ ही सभा को संबोधित करेंगे। ग्राम पकरिया में जनजातीय समुदाय, स्वयं सहायता समूहों के अग्रणी व्यक्तियों, पेसा कानून समितियों के नेताओं और ग्राम फुटबाल क्लब के कप्तानों से चर्चा करेंगे। बता दें कि प्रधानमंत्री 27 जून को भोपाल के बाद शहडोल जाने वाले थे, पर मौसम खराब के कारण कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा था।

बीमारी की पहचान के लिए देश में सात करोड़ लोगों की होगी रक्त जांच

सिकल सेल एनीमिया बीमारी जनजाति वर्ग में होती है। जनजाति बहुल प्रदेश के 18 जिलों में एक प्रतिशत आबादी इससे पीडि़त है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने इसके उन्मूलन के लिए काफी प्रयास किए हैं। आलीराजपुर और झाबुआ जिलों में प्रयोग के तौर पर नवंबर 2021 से सिकल सेल एनीमिया का परीक्षण (स्क्रीनिंग) अभियान चलाया गया था। दोनों जिलों में 10 लाख लोगों का रक्त परीक्षण किया गया।

इसमें 1900 पाजिटिव और लगभग 28 हजार वाहक मिले हैं। प्रयोग सफल होने पर जनजाति बहुल सभी 18 जिलों में जन्म से 40 वर्ष तक के चार लाख लोगों का रक्त परीक्षण किया गया। इनमें 3500 पीड़ित पाए गए। अभी कैंप लगाकर या दूसरी बीमारियों के उपचार के लिए अस्पताल आने वाले रोगियों की सिकल सेल की भी जांच की जा रही है। इसके बाद घर-घर जाकर जांच की जाएगी। यह काम निजी एजेंसी को सौंपा जाएगा।

मिशन का उद्देश्य विशेष रूप से जनजातीय आबादी के बीच सिकल सेल रोग से उत्पन्न गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करना है। यह लक्ष्य 2047 तक पूरा किया जाएगा। राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन अभियान शुरू करने के लिए इस वित्त वर्ष के केंद्रीय बजट में प्रविधान किया गया है।

बीमारी से पीड़ित लोगों की पहचान के लिए देश में सात करोड़ लोगों की रक्त जांच की जाएगी। मध्य प्रदेश में तीन वर्ष में जनजाति बहुल 20 जिलों के 89 विकासखंडों में जन्म से 40 वर्ष तक के एक करोड़ लोगों की जांच की जानी है। इसमें पाजिटिव लोगों के अलावा वाहकों के बारे में भी पता चलेगा। वाहक वह होते हैं जो पाजिटिव नहीं हैं न ही उन्हें कोई लक्षण हैं, फिर भी दूसरों तक बीमारी पहुंचा सकते हैं। इस बीमारी के पीड़ित देश के 17 राज्यों के 278 जिलों में हैं। बता दें कि इस बीमारी में लाल रक्त कोशिकाओं का आकार असामान्य हो जाता है, जिससे रोगी को खून की कमी हो जाती है।

चार आयुष्मान हितग्राहियों को पीवीसी कार्ड सौंपेंगे प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री प्रतीक स्वरूप चार हितग्राहियों को पीवीसी आयुष्मान कार्ड सौंपेंगे। अभी साधारण कागज का कार्ड दिया जाता है। इसके लिए हितग्राहियों से शुल्क नहीं देना होगा। प्रदेश में चार करोड़ 70 लाख आयुष्मान हितग्राही हैं। इनमें तीन करोड़ 60 लाख के कार्ड बनाए जा चुके हैं। अभी एक करोड़ पीवीसी कार्ड बनाए गए हैं। कार्ड वितरण कार्यक्रम का आयोजन प्रदेशभर के निकायों, ग्राम पंचायतों और विकासखंडों में किया जा रहा है।

रानी दुर्गावती का करेंगे स्मरण

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री रानी दुर्गावती का स्मरण करेंगे, जो 16वीं सदी के मध्य में गोंडवाना की शासक थीं। उन्हें एक वीर, निर्भीक और साहसी योद्धा के रूप में स्मरण किया जाता है, जिन्होंने मुगलों के विरुद्ध स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी थी। राज्य सरकार ने पांच स्थानों से 22 जून से रानी दुर्गावती गौरव यात्राओं का आयोजन किया था, जो 25 जून को लालपुर पहुंची हैं। प्रधानमंत्री को पहले इनके समापन कार्यक्रम में शामिल होना था।

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