विशेष
चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांस
देश विदेश

मेरा बूथ सबसे मजबूत कार्यक्रम में आम कार्यकर्ता की तरह दिखे प्रधानमंत्री मोदी आठ कार्यकर्ताओं ने पूछे प्रश्न

भोपाल। भाजपा के ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ संवाद कार्यक्रम में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को यहां देशभर के करीब 3000 कार्यकर्ताओं के बीच सरल-सहज अंदाज में दिखे। उनके एक घंटे 50 मिनट के संबोधन में सवा घंटे से अधिक समय प्रश्नोत्तर का रहा। विभिन्न राज्यों के आठ कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग विषय पर प्रश्न किए। पीएम मोदी ने इनके माध्यम से देशभर के कार्यकर्ताओं को मंत्र दिया कि बूथ के अंतर्गत संघर्ष नहीं सेवाभाव दिखना चाहिए। प्रधानमंत्री से मिली सीख से उत्साहित कार्यकर्ताओें ने कई बार मोदी-मोदी के नारे लगाए। उन्होंने एकजुटता का संदेश देते हुए कहा कि चुनाव में हमारा उम्मीदवार एक ही है-कमल।

कुछ इस तरह हुआ मोदी और कार्यकर्ताओं के बीच संवाद

राम पटेल दमोह (मध्य प्रदेश) : आपने खुद मंडल स्तर तक कार्यकर्ता बनकर काम किया। ऐसे में राजनीति के अतिरिक्त सामाजिक कार्य को कैसे देखते हैं? पीएम मोदी : बूथ को छोटा नहीं समझना चाहिए। राजनीतिक कार्यकर्ता से ऊपर उठकर समाज में सुख-दुख के साथी बनें। उज्ज्वला योजना की जरूरत के बारे में मुझे एक कार्यकर्ता ने ही बताया था। अपने घर में प्राथमिक उपचार पेटी रखें। इससे सहायता कर सकेंगे। इंटरनेट मीडिया पर ग्रुप बनाकर लोगों की मदद करें। गांव के चौराहे या किसी एक स्थान पर अखबार रखें तो लोगों को सरकार की योजनाओं की जानकारी मिल जाएगी। भाजपा की, सरकार की, देश की जितनी अच्छी खबरें है उसकी जानकारी लोगों को दें। यह काम अखबार के माध्यम से बेहतर ढंग से हो सकता है।

सरकार से समाज जुड़ता है, तभी मिलते हैं अच्छे परिणाम सल्ला रामकृष्णा (आंध्रप्रदेश) : हमारी सरकार गांव से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक बेहतर काम कर रही है। इसमें हम कैसे योगदान कर सकते हैं? पीएम मोदी: कार्यकर्ता के दिल में और ज्यादा काम करने की भूख होना, बहुत बड़ी ताकत है। गांव विकसित होंगे तब भारत विकसित होगा। हर गांव का संकल्प बनना चाहिए कि 2047 के पहले हमें अपने कार्यक्षेत्र का विकास करना है। कोई बच्चा स्कूल बीच में ही छोड़ रहा है तो उसके माता-पिता से मिलें। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, तो उसकी मदद करें। दूध इकट्ठा कर कुपोषित बच्चों को पिलाएं। मेरा मानना है कि सरकार से समाज जुड़ता है, तो परिणाम अच्छे मिलते हैं। — रिपु सिंह, मोतिहारी (बिहार) : सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को जनता तक कैसे पहुंचाएं? पीएम मोदी: हमारा लक्ष्य सिर्फ किसी एक योजना का लाभ देना भर नहीं, बल्कि सौ प्रतिशत संतुष्टि देने का है। जिन्हें पीएम आवास योजना में शामिल किया है उन्हें मुद्रा योजना का लाभ मिला या नहीं। आयुष्मान कार्ड मिला है क्या? सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए इंटरनेट मीडिया पर अपने गांव का, बूथ का ग्रुप बना सकते हैं। जब कोई भी बात तुलना के साथ समझाते हैं तो वो लोगों को ज्यादा याद रहता है। —- हिमानी वैष्णव, चमोली (उत्तराखंड) : पहले सामाजिक न्याय के नाम पर तुष्टीकरण को बढ़ावा दिया गया। हमारी सरकार ने संतुष्टीकरण पर बल दिया। अंतर को हम सामान्य जन को कैसे बताएं? मोदी : बहुत ही सही सवाल बहन आपने पूछा है। कुछ लोग सिर्फ अपने दल के लिए जीते हैं। वो ये सब इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार का, कमीशन का, मलाई खाने का, कटमनी का हिस्सा मिलता है। तुष्टीकरण का ये रास्ता कुछ दिनों तक तो लाभ दे सकता है लेकिन ये देश के लिए महाविनाशक होता है। —- रानी चौरसिया (उत्तर प्रदेश) : कुछ लोग पहले तीन तलाक और अब कामन सिविल कोड का विरोध कर रहे हैं। मुस्लिम भाई-बहन भ्रमित हो रहे हैं, कैसे हम इनको समझाएं? पीएम मोदी : मुझे लगता है जो भी तीन तलाक के पक्ष में बातें करते हैं, तीन तलाक की वकालत करते हैं, ये वोट बैंक के भूखे लोग मुस्लिम बेटियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय कर रहे हैं। एक कार्यकर्ता के नाते समानता के भाव से आप प्रयास कीजिए जरूर वो आपकी बात मानेंगे। हेजल बेन जानी (गुजरात) : अलग-अलग सोच वाली, एक-दूसरे के खिलाफ लड़ने वाली पार्टियां भी अब एकजुट होने का नाटक कर रही हैं। इसे आप कैसे देखते हैं? मोदी : मुस्कराते हुए…। हमको लगता है कि आपको भारी गुस्सा है इन लोगों पर, देखिए इन लोगों पर गुस्सा मत कीजिए, दया कीजिए ऐसे लोगों पर। हमने 2014 का चुनाव देखा है और 2019 का भी चुनाव देखा है। 2019 का हाल क्या था याद है न? इनमें तब इतनी छटपटाहट नहीं दिखी, जितनी आज है। विपक्षी दलों की घबराहट से साफ है कि देश की जनता ने 2024 के चुनाव में भाजपा को वापस लाने का मन बना लिया है। रचित कछवाह (राजस्थान) : हम बूथों पर जाकर कैसे समझाएं कि ये भाजपा की योजनाओं के कारण उनके घरों में इतनी सारी बचत हुई है। पीएम मोदी : पाकिस्तान में महंगाई दर 38 प्रतिशत, श्रीलंका में 25 प्रतिशत से अधिक है। भारत में पांच प्रतिशत से भी कम है। आज उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, उत्तराखंड जहां भाजपा सरकारें हैं वहां पेट्रोल की कीमत 100 रुपये से कम है। लेकिन बिहार में पेट्रोल 107 रुपये का, राजस्थान में 108 रुपये का, तेलंगाना में 109, केरल में 110 रुपये। क्यों भाई ? इन राज्यों में जिन दलों की सरकारें हैं, वो जनता के साथ, गरीब और मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। संजय सोढ़ी, सुकमा (छत्तीसगढ़) : किसानों के हित में कांग्रेस और भाजपा की सोच में अंतर आमजन तक कैसे समझा सकते हैं? पीएम मोदी : 10 साल में कांग्रेस ने कुछ हजार करोड़ रुपये की कर्जमाफी की घोषणा की। असली किसानों को ये लाभ कभी पहुंचा ही नहीं। आप जाकर देख लेना। कितना सारी, कभी-कभी तो दस दिन में करेंगे, सौ दिन में करेंगे, कभी नहीं किया।

Related Articles

Back to top button