विशेष
चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
देश विदेश

स्वास्थ्य और पशु चिकित्सा विभाग मिलकर रोकेंगे पशुओं से इंसानों को होने वाली संक्रामक बीमारियां

 भोपाल। पशुओं से इंसानों में फैलने वाली नई-नई बीमारियां आने के बाद चिकित्सा जगत की चुनौतियां बढ़ गई हैं। ऐसे में अब स्वास्थ्य और पशु चिकित्सा विभाग मिलकर ‘वन हेल्थ’ के अंतर्गत काम करेंगे। इसे लेकर विश्व बैंक के सहयोग से हुई एक कार्यशाला में इसकी रूपरेखा तय की गई।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ‘वन हेल्थ’ पर काम करने वाला मप्र पहला राज्य होगा। इसमें दोनों विभाग मिलकर इस तरह काम करेंगे कि बीमारियों का संक्रमण फैलने से तुरंत रोका जा सके। दोनों विभागों की संयुक्त कमेटी बनेगी। कमेटी संक्रमण की रोकथाम, एंटीबायोटिक दवाओं का दुरुपयोग रोकने, बीमारियों के बारे में शोध कराने आदि विषयों पर काम करेंगे।

पशुओं से इंसानों में फैलने वाली कुछ प्रमुख बीमारियां

एवियन एंफ्लुएंजा- यह हवा के माध्यम से फैलती है। सर्दी-बुखार होता है।

मंकीपाक्स- यह बंदरों से इंसान में पहुंचती है। विषाणुओं से होती है।

प्लेग- चूहों से इंसानों में फैलता है।

निपाह- चमगादड़ों में होती है। मनुष्यों में फैलेने का खतरा भी रहता है।

एंथ्रेक्स- कुत्ते, बंदर और चमगादड़ के लार से इंसान में यह बीमारी आती है।

पशुओं से मनुष्य में ऐसे फैलता है संक्रमण

हवा, संक्रमित पदार्थ, खाद्य पदार्थ, तरल पदार्थ जैसे लार, खून, पेशाब के माध्यम से इंसान में पहुंचती हैं।

दोनों विभाग मिलकर वन हेल्थ के अंतर्गत ऐसे काम करेंगे

– दोनों विभागों के विशेषज्ञ और अधिकारियों की राज्य और जिला स्तर पर समितियां बनेंगी।

– संक्रामक बीमारियों की सूचना एक-दूसरे को तुरंत देंगे।

– प्रतिबंधात्मक कार्रवाई और रोकथाम की गतिविधियां भी दोनों के समन्वय से होंगी।

– पहले से बनी एंटीबायोटिक नीति को और प्रभावी बनाया जाएगा। जानवरों में भी एंटीबायाेटिक दवाओं का उपयोग डाक्टर की सलाह के बिना नहीं किया जाएगा।

इनका कहना है

‘वन हेल्थ’ के लिए विश्व बैंक एवं भारत सरकार द्वारा मध्य प्रदेश का चयन किया गया। इसमें स्वास्थ्य विभाग, पशु चिकित्सा विभाग एवं आवश्यकता के अनुसार दूसरे विभाग और स्थानीय निकायों को शामिल कर बीमारियों की रोकथाम में एक साथ काम किया जाएगा।

डा. आरके मेहिया, संचालक, पशु चिकित्सा सेवाए

Related Articles

Back to top button